जानकारी के अनुसार लक्ष्मी (70) पत्नी स्व. राधाकिशन माहोर निवासी छते का पुरा का मंगलवार की सुबह करीब सात बजे निधन हो गया। परिजन महिला के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने की तैयारी कर रहे थे तब तक बारिश शुरू हो गई। चूंकि गांव में मुक्तिधाम नहीं हैं इसलिए यहां खुले में ही अंतिम संस्कार करना पड़ता है। वृद्ध महिला के परिजन व गांव के लोगों को बारिश थमने का इंतजार करना पड़ा। करीब 11 बजे बारिश थमी तब महिला का अंतिम संस्कार किया गया।
घर के पास ही किया अंतिम संस्कार
प्रशासन व जनपद पंचायत के निर्देश उस समय हवाई नजर आए जब गौसपुर पंचायत के छते का पुरा में वृद्ध महिला का खुले में अंतिम संस्कार करना पड़ा। गांव में सार्वजनिक मुक्तिधाम नहीं हैं इसलिए परिजन को घर के नजदीक सरकारी जमीन में ही अंतिम संस्कार करना पड़ा। गांव वालों ने बताया कि बारिश के सीजन में हर साल अंतिम संस्कार के लिए बारिश थमने का इंतजार करना पड़ता है।
टी एल के निर्देश हवा में, नहीं बने मुक्तिधाम
टी एल की बैठक में कलेक्टर कई बार निर्देश जारी कर चुके हैं कि बारिश से पूर्व हर पंचायत में मुक्तिधाम का निर्माण सुनिश्चित हो। इसके लिए जनपद पंचायत सीइओ को निर्देश दिए गए थे। सीइओ ने संबंधित इंंजीनियरों को मुक्तिधाम के निर्माण और मरम्मत के लिए पत्र जारी किए थे लेकिन इंजीनियरों ने इस दिशा में गंभीरता नहीं दिखाई। इसलिए कई पंचायत व गांव मजरा टोलों पर मुक्तिधाम का निर्माण नहीं हो सका और लोगों को मजबूरन खुले में अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है।