भू माफिया से मिले तहसील के बाबू, पत्नी के नाम कराई फर्जी तरीके से रजिस्ट्री
– सहकारी समिति की करोड़ों रुपए की जमीन फर्जी विक्रय पत्र के जरिए बेची
-पीडि़तों ने कहा, लोकायुक्त-ईओडब्ल्यू में करेंगे शिकायत
-पूर्व में पकड़े गए फर्जी रजिस्ट्री कार्यालय से जुड़े तार, सेवानिवृत्त व वर्तमान पटवारी, तहसील कर्मचारियों की संलिप्तता, इसलिए नहीं हो रही कार्रवाई
मुरैना. शहर के बीचोंबीच में स्थित सिद्ध नगर वार्ड क्रमांक 11 में स्थित सहकारी समिति की जमीन पर माफिया हावी है। यहां फर्जी व्यक्ति तैयार करके कूटरचित फर्जी विक्रय पत्र कर जमीन की रजिस्ट्री की जा रही हैं। इसकी शिकायत प्रशासन व पुलिस थाने तक पहुंची गई है, अब पीडि़त लोकायुक्त व ईओडब्ल्यू जाने की तैयारी में हैं। अगर पुलिस व प्रशासन बारीकी से जांच करे तो बड़े स्तर का जमीन घोटाला सामने आ सकता है। यहां बता दें कि लाल बहादुर शास्त्री गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित मुरैना विधिवत शासकीय अभिलेखों में पंजीकृत संस्था है, जिसके नाम से ग्राम जौरी तहसील मुरैना के भूमि सर्वे क्रमांक 723/1 एवं 725/1 रकवा 7.5 बीघा होकर स्थित है। उक्त समिति में कुल 49 सदस्य हैं। संस्था के अध्यक्ष ओमप्रकाश गोयल की वर्ष 2015 में अध्यक्ष रहे किंतु उनकी मृत्यु हो चुकी है। उसके बाद 8 दिसंबर 2000 को संस्था की जमीन में से 63200 वर्ग मीटर जमीन का हस्ताक्षरविहीन, छायाचित्रविहीन, कूटरचित फर्जी विक्रय पत्र तैयार किया गया है कि जिसका उपपंजीयक कार्यालय की अंगुष्टचिन्ह पंजी में कोई अभिलेख अंकित नहीं हैं। मुरैना रजिस्ट्री के फर्जीवाड़े में कुछ सेवानिवृत्त पटवारी, तहसील के बाबू, पटवारी भी लिप्त बताए जा रहे हैं। 11 माह पूर्व पकड़ा गया था मुरैना में फर्जी रजिस्ट्रार कार्यालय तत्कालीन तहसीलदार कुलदीप दुबे, टी आई आलोक परिहार ने गोपाल पुरा की दीक्षित गली से फर्जी रजिस्ट्रार कार्यालय पकड़ा गया था। यहां से बड़ी संख्या में फर्जी रजिस्ट्री व सील जब्त की गई थीं। इस मामले में अभी तक करीब तीन फर्जी रजिस्ट्री करवाने के मामले में एफआइआर की जा चुकी हैं लेकिन इस पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड संजू कुलश्रेष्ठ अभी तक गिरफ्तार नहीं हुआ है। इस पर दस हजार का इनाम तक घोषित हो चुका है। सहकारी समिति की जमीन से जो फर्जी रजिस्ट्रियां हुई हैं, उनमें से कुछ इस फर्जी रजिस्ट्रार कार्यालय पर भी की गई थीं। इसलिए रुक गई फर्जी रजिस्ट्रार कार्यालय की जांच गोपाल पुरा में पकड़े गए फर्जी रजिस्ट्रार के बाद तहसीलदार व पुलिस मामले की जांच कर रही थी लेकिन इसी दौरान एक रजिस्ट्री सामने आई जो तहसील के बाबू की पत्नी के नाम से थी, उक्त रजिस्ट्री का पंजीयन कार्यालय में कोई अभिलेख नहीं हैं। तहसील के बाबू ने शहर के कुछ भू माफिया से मिलकर एक संगठित गिरोह बना लिया है जो समिति सहित शहर में पड़ी सरकारी जमीन पर इनकी नजर है। इनकी सांठगांठ से जमीन पर फर्जी रजिस्ट्री करवा रहे हैं। पुलिस थाने में पहुंची शिकायत लाल बहादुर शास्त्री ग्रह निर्माण सहकारी संस्था के आजीवन सदस्य गजेन्द्र सिंह डंडोतिया ने सिटी कोतवाली थाने में आवेदन देकर मामले की जांच कराने की मांग की है। शिकायत में कहा है कि समिति की जमीन की फर्जी विक्रय पत्र तैयार कराया गया है। जिसके नाम रजिस्ट्री कराई है, उसका भी कोई पता ठिकाना नहीं हैं। गजेन्द्र ङ्क्षसह की समिति जमीन में प्लाट था, उसका भी रामदीन किरार ने तहसील के कर्मचारियों से मिलकर उप पंजीयक कार्यालय में बिना अभिलेख के पंजीकृत करा लिया है। इसी तरह अन्य जमीन के कूटरचित दस्तावेज तैयार करके जमीन का विक्रय की जा रही है। गजेन्द्र सिंह का कहना हैं कि फिलहाल पुलिस में शिकायत की है, आगामी समय में लोकायुक्त, ईओडब्लू में भी शिकायत की जाएगी। कथन
लाल बहादुर शास्त्री ग्रह निर्माण सहकारी संस्था की जमीन पर फर्जी विक्रय पत्र तैयार करने का मामला थाने में आया है। उसकी जांच करवा रहे हैं। दीपेन्द्र यादव, टी आई, सिटी कोतवाली थाना
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