script‘मौसंबी’ के पौधा उगल रहा लाखों रुपया….6 किसानों की बदल दी किस्मत | MP NEWS: 'Mausambi' plant changed the fortunes of 6 farmer | Patrika News
मोरेना

‘मौसंबी’ के पौधा उगल रहा लाखों रुपया….6 किसानों की बदल दी किस्मत

MP NEWS: आठ साल पहले मुरारीलाल यादव महाराष्ट्र से मौसंबी के उन्नत किस्म के पौधे लाए थे। उन्होंने शुरुआत में एक बीघा में पौधे रोपे और तीन साल बाद फल आने लगे।

मोरेनाJul 25, 2024 / 11:43 am

Astha Awasthi

Mausambi

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MP NEWS: मौसंबी की खेती ने मुरैना के चैना गांव के छह किसानों की तकदीर बदल दी है। पहले वे परंपरागत रूप से गेहूं, बाजरा की दो फसल पर बीज, खाद और पानी पर हजारों रुपए खर्च करने के बाद एक बीघा में साल में 40-50 हजार कमा पाते थे, अब मौसंबी से एक से डेढ़ लाख की आय ले रहे हैं।

तीन साल बाद फल आने लगे

जौरा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत चैना में आठ साल पहले मुरारीलाल यादव महाराष्ट्र से मौसंबी के उन्नत किस्म के पौधे लाए थे। उन्होंने शुरुआत में एक बीघा में पौधे रोपे और तीन साल बाद फल आने लगे। पहले साल 80 हजार कमाए। उसके बाद हर साल एक से डेढ़ लाख की आमदनी ले रहे हैं। फसल से अच्छी आवक को देख मुरारीलाल के साथ गांव के पांच और किसान भी पौधे लाए।
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2 साल तक मौसंबी की परंपरागत खेती

मौसंबी में तीन साल बाद फल आते हैं। उससे पहले किसान को कोई नुकसान नहीं। मौसंबी के पौधे इस तरह रोपे जाते हैं कि उनके बीच पर्याप्त जगह रहती है। जब तक मौसमी के पौधे में फल आते हैं, तब तक परंपरागत खेती गेंहू व बाजरा की फसल की जाती है। इसके चलते किसान को दो सात तक कोई क्षति नहीं होती। उसके बाद मौसंबी के पौधे में फल आने लगते हैं।

ये किसान कर रहे खेती

चैना गांव में मुरारीलाल यादव दो बीघा, राजेंद्र ठेकेदार दस बीघा, मुकेश यादव दस बीघा, लक्ष्मीनारायण यादव पांच बीघा, दीनबंधु यादव पांच बीघा, मुकेश खटीक तीन बीघा में मौसंबी की खेती कर रहे हैं। मुकेश का कहना है कि मौसंबी का फल स्वादिष्ट है इसलिए व्यापारी उपज आने का इंतजार करते हैं।
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ग्वालियर मंडी में बिकती है मौसंबी

चैना के किसान मौसंबी को बेचने ग्वालियर की मंडी ले जाते हैं। राजेन्द्र का कहना है कि मौसंबी वर्तमान भाव पर बिकती है। हालांकि 25 रुपए किलो से कभी कम नहीं बिकी। चैना मेंमौसंबी की फसल इतनी बेहतर हुई है कि आसपास केगांव के किसान भी देखने आते हैं।

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