किसानों ने बताया कि हम लोगों ने दिलीप कृषि सेवा केन्द्र बानमोर से एनपीके डीएपी खाद के करीब 25 कटटे खाद के लिए। जब खाद खेत में डालने के लिए बोरी को खोता हो उसमें काली मिट॒टी निकली। खाद को हाथ से रगड़ा तो हाथ काले हो
गए। उसके बाद कलेक्ट्रेट पहुंचे और अधिकारियों को शिकायत की। अधिकारियों ने टीम भेजकर दुकान को सील करवा दिया।
1350 में बेच रहा था 1200 का कट्टा
बानमोर में दुकानदार नकली खाद भी ब्लैक में बेच रहा था। जो कट्टा डीएपी का 1200 का आता है, उसको 1300 से 1350 तक में बेच रहा था। सरकारी दुकानों पर भीड़ की वजह से किसान बानमोर की दिलीप कृषि सेवा केन्द्र पर पहुंचे तो उसने नकली खाद थमा दिया।
ग्वालियर से लाता था खाद
नकली खाद के गोरखधंधे में बानमोर की और दुकान भी शामिल हैं। ये दुकानदार ग्वालियर की शारदा कृषि सेवा केन्द्र से खाद लेकर आते थे। अधिकारियों ने बानमोर की दुकान से ग्वालियर की उस दुकान का बिल भी जब्त कर लिया, जिससे ये खाद लेकर आया था। उप संचालक, कृषि विभाग अनंत बिहारी सडैया ने कहा कि बानमोर की दुकान से कुछ लोग खाद लेकर आए थे, उनका कहना है कि खाद नकली है। हमने दुकान को सील कर दिया है। दुकान में 82 कट्टे मिले थे, उनका सैम्पल लिया गया है।
वही श्योपुर में निजी दुकानदारों द्वारा खाद की कालाबाजारी को लेकर पांच गांव के किसानों ने तहसील कार्यालय पर मंगलवार को प्रदर्शन किया। खाद का कट्टा महंगे दाम पर देने को लेकर किसान आक्रोशित थे। उन्होंने तहसीलदार एसआर वर्मा को ज्ञापन दिया। किसानों ने बताया कि यूरिया लेने दुकान पर पहुंचे तो दुकानदार ने 267 के बजाय 450 रुपए में एक कट्टा दिया। रघुनाथपुर, वीरपुर, सहसराम, गसवानी, इकलौद,ओछापुर क्षेत्रों में भी महंगे दाम
पर खाद दिया जा रहा है।