31 साल बाद कुंदरकी में भाजपा ने भेदा किला
सपा ने अपने अनुभवी नेता हाजी मोहम्मद रिजवान को मैदान में उतारा था। हाजी रिजवान 2002, 2012, और 2017 में यहां से जीत चुके हैं, और यह सीट सपा का गढ़ मानी जाती रही है। लेकिन इस बार भाजपा की रणनीति और सपा के प्रति स्थानीय असंतोष ने समीकरण बदल दिए। सपा उम्मीदवार को एंटी-इनकंबेंसी का सामना करना पड़ा, जिससे भाजपा ने लाभ उठाया। यह भी पढ़ें
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कुंदरकी में भाजपा की रणनीति
भाजपा ने इस सीट पर 11 मुस्लिम प्रत्याशियों के बीच रामवीर ठाकुर को खड़ा किया। भाजपा ने मुस्लिम वोटों के बंटवारे का पूरा लाभ उठाया। पार्टी की मुस्लिम विंग और नेताओं ने क्षेत्र में जोरदार प्रचार किया जबकि स्वयं रामवीर ने भी मुस्लिम मतदाताओं से जुड़ने की हरसंभव कोशिश की। एक वायरल वीडियो में रामवीर मुस्लिम समाज से संवाद स्थापित करते और उनकी परंपराओं का सम्मान करते नजर आए।मुस्लिम वोटों का बंटवारा बना कारण
कुंदरकी सीट पर AIMIM बसपा और आजाद समाज पार्टी के मुस्लिम उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। इसके कारण मुस्लिम वोटों में बंटवारा हुआ जिससे भाजपा के हिंदू प्रत्याशी को फायदा हुआ। क्षेत्र में 57.7% मतदान हुआ जो इस बार के उपचुनावों में सबसे अधिक था। यह भी पढ़ें