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बता दें कि चंदौसी थाना क्षेत्र में कैदियों की गोली से शहीद हुए दोनों सिपाही मुरादाबाद के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। बताया जा रहा है कि आशियाना काॅलाेनी में रहने वाले शहीद सिपाही हरेंद्र सात महीने बाद ही सेवा से रिटायर्ड होने वाले थे। इस घटना से उनका पूरा परिवार टूट गया है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं सिपाही बृजपाल की शहादत से उनकी मां को गहरा सदमा लगा है। इकलौते बेटे बृजपाल की मौत से मां पर जैसे दुखों का पहाड़ टूट गया है। उनका रो-राेकर बुरा हाल है। वह रोते-रोते सिर्फ एक ही बात दोहरा रही हैं कि उन्हें खून का बदला खून से चाहिए। वहीं बृजपाल की बहन ने रोते हुए कहा है कि जैसे हमारे भाई को मारा गया है, वैसे ही उन लोगों को भी मारा जाए। शहीद बृजपाल के पड़ोसी ने इसे पुलिस की लापरवाही बताते हुए कहा है कि वैन में कैसे कोई कैदी कुछ साथ ला सकता है। अगर कैदियों के पास मिर्च पाउडर था तो उसकी तलाशाी क्यों नहीं ली गई। यह भी पढ़ें