पुलिस ने इस मामले में विवेचना शुरू की। काल डिटेल सारी हकीकत सामने आ गई। इसके बाद पुलिस ने इसमें कार्रवाई शुरू की। बीच में पुलिस कार्रवाई में भी कई व्यवधान आए लेकिन हमने हिम्मत नहीं हारी। अपनी जान की हिफाजत करके मुकदमे की पैरवी की। बेटे के बाद मैंने आरटीआई के माध्यम से सूचनाएं मांगी लेकिन, महिला कल्याण विभाग ने कोई जानकारी नहीं दी। इसे लेकर हाईकोर्ट में रिट दायर की।
वहां से महिला कल्याण विभाग को कमेटी बनाकर जांच कराने के आदेश हुए। जिले के अधिकारी सारी जांचों को दबाए रहे। अभी भी आरटीआइ से मैंने कई सूचनाएं मांग रखी हैं। जवाब भी आता है तो इधर-उधर की बात बता देते हैं। बैंकों से भी हमने खातों की डिलेट मांगी थीं वहां से भी कुछ नहीं मिल सका। गुरुवार को आरोपितों पर दोष सिद्ध होने के बाद दिल को सुकून मिला है। इसमें सबसे अहम रोल अधिवक्ता फसीउल्ला खान का रहा। उन्होंने नौ साल में हमारा साथ नहीं छोड़ा। कई लोग न्याय के इस सफर में हमारा साथ छोड़कर मुल्जिमों के साथ खड़े हो गए थे।
अनंगपाल के अधिवक्ता फसीउल्ला खां ने बताया कि महिला कल्याण विभाग के लिपिक(बाबू) चुन्नी लाल और मुकुट लाल बड़े घोटाले बाज हैं। उनके तार लखनऊ तक जुड़े थे। वह महिलाओं के लिए आने वाली योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करते थे। उन्होंने इसके लिए अपने गुर्गों के खाते खुलवा रखे थे।
सरकार की करोड़ों रुपये की धनराशि उन्होंने उन्हीं खातों में डालकर निकाल ली थी। पुष्पेंद्र ने महिला कल्याण विभाग ने उनके साथ संविदा पर नौकरी की थी। उसे भी उनके कारनामों की जानकारी हो गई थी। उसके नौकरी छोड़़ने के बाद जैसे ही आरटीआई से योजनाओं के जानकारी मांगे जाने का सिलसिला शुरू हुआ। उन्हें शक हो गया कि यह पुष्पेंद्र का ही खेल है। वह उसे रास्ते से हटाकर बचना चाहते थे।