COVID-19 के इलाज में यह इंजेक्शन है कारगर, DCGI ने दी इस्तेमाल की मंजूरी बहुत से अध्ययनों से जाहिर है कि कोरोना वायरस ( What is Coronavirus? ) की आनुवंशिक सामग्री (genetic material) ने संभवत: संक्रमित व्यक्तियों के मलमूत्र के जरिये अपशिष्ट जल ( waste water ) में प्रवेश किया हो। ऐसे में वायरस के फैलाव को समझने के लिए अपशिष्ट जल पर अध्ययन बहुत जरूरी हो जाता है।
अध्ययन के मुताबिक स्पेन के बार्सिलोना, इटली के मिलान और ट्यूरिन में अपशिष्ट जल में कोरोना वायरस ( Novel coronavirus Latest News Hindi ) की मौजूदगी के नमूने मिले हैं। बार्सिलोना यूनिवर्सिटी की रिसर्च टीम ने 26 जून को एक ज्ञापन जारी कर कहा कि वहां पर 12 मार्च 2019 को जमा अपशिष्ट जल के नमूने में कोरोना वायरस के संकेत मिले थे। हालांकि स्पेन में 25 फरवरी 2020 को पहला पुष्ट मामला दर्ज हुआ था।
बार्सिलोना विश्वविद्यालय के जीव विज्ञान प्रोफेसर अल्बर्ट बोश ने कहा, “अध्ययन का परिणाम बताता है कि कोरोना वायरस कब फैलने लगा, शायद जब लोगों ने इस बारे में सोचा नहीं था, क्योंकि इसका रोग लक्षण फ्लू जैसे श्वसन संबंधी रोग के बराबर है।”
इसके बाद ब्राजील ( brazil news ) के सांता कैटरीना संघीय विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ दल ने 2 जुलाई को घोषणा की कि उन्होंने सांता कैटरीना स्टेट की राजधानी फ्लोरिअनोपोलिस शहर में पिछले साल अक्तूबर से इस साल मार्च तक नाली में मिले पानी के नमूनों की जांच की। इसमें पता चला कि पिछले वर्ष नवंबर के नमूने में कोरोना वायरस मौजूद था। हालांकि ब्राजील में COVID-19 का पहला पुष्ट मामला 26 फरवरी को सामने आया, जो लैटिन अमरीका में पहला कंफर्म केस है।
17 लोगों के परिवार को हुआ कोरोना, सभी ने एक साथ मिलकर जीती महामारी के खिलाफ जंग और बताया ‘राज’ सांता कैटरीना संघीय विश्वविद्यालय के जैव प्रौद्योगिकी में पीएचडी गिस्लानी फुंगारो ने कहा कि यह नमूना पिछले 27 नवंबर को जमा किया गया था। वायरस के मनुष्य को संक्रमित करने में कई हफ्ते लगते हैं। इसका मतलब है कि नमूना जमा करने के 15 से 20 दिन पहले कोई व्यक्ति संक्रमित हो चुका था।
इन अध्ययन से कोरोना वायरस के उद्गम और फैलाव पर विशेषज्ञों का नया विचार आया है। ब्रिटेन के डेली टेलिग्राफ ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर टॉम जेफरसन के हवाले से कहा कि अधिकाधिक सबूत से जाहिर है कि कई स्थानों के अपशिष्ट जल में कोरोना वायरस मौजूद है। एशिया में महामारी फैलने से पहले यह वायरस संभवत: दुनिया के कई क्षेत्रों में निष्क्रिय हो गया हो, बस वातावरण में बदलाव होने के बाद फैलने लगा।
Coronavirus पॉजिटिव निकलने के बाद इसलिए Amitabh Bachchan हुए अस्पताल में भर्ती इसके बारे में रूस स्थित विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO on coronavirus ) के प्रतिनिधि मेलिता वुइनोविक ने रूसी सैटेलाइट न्यूज एजेंसी के साथ इंटरव्यू में कहा कि इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि महामारी फैलने से पहले वायरस लंबे समय तक दुबका रहा हो। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञ चीनी विद्वानों के साथ वायरस के उद्गम का विश्लेषण करेंगे। पहले के नमूनों पर अध्ययन जटिल काम है। अगर उल्लेखनीय प्रगति होती है, तो डब्ल्यूएचओ शीघ्र ही जारी करेगा।