बैन की वजह क्या है?
कमिटी का मानना है कि 1984 में श्री हरमंदिर साहिब (गोल्डन टेंपल) समेत 40 अन्य गुरुद्वारों में होने वाले हुए सैन्य आक्रमण के लिए भारतीय अधिकारी भी जिम्मेदार थे। इन अधिकारियों की वजह से सिख समुदायों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था। कमिटी का यह भी कहना है कि हमेश से सिख परिवारों के धार्मिक कामों में भी भारतीय अधिकारी बिना वजह दखलअंदाजी करते आ रहे हैं। इस दखलअंदाजी से बचने के लिए उन्हें बैन करना ही सही रहेगा।
कमिटी का मानना है कि 1984 में श्री हरमंदिर साहिब (गोल्डन टेंपल) समेत 40 अन्य गुरुद्वारों में होने वाले हुए सैन्य आक्रमण के लिए भारतीय अधिकारी भी जिम्मेदार थे। इन अधिकारियों की वजह से सिख समुदायों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था। कमिटी का यह भी कहना है कि हमेश से सिख परिवारों के धार्मिक कामों में भी भारतीय अधिकारी बिना वजह दखलअंदाजी करते आ रहे हैं। इस दखलअंदाजी से बचने के लिए उन्हें बैन करना ही सही रहेगा।
इससे पहले कनाडा में भी बैन लगा था
कुछ दिन पहले ही कनाडा के 14 गुरुद्वारों में भारतीय अधिकारियों कोघुसने से मना कर दिया था। जिन अधिकारियों की एंट्री पर बैन लगाया गया है, उसमें भारतीय राजनयिक भी हैं। कनाडा गुरुद्वारा कमिटी ने हालांकि सह कहा है कि अधिकारियों को निजी रूप से गुरुद्वारा में आने की सिर्फ इजाजत है।
भाजपा की महिला मंत्री ने महर्षि वाल्मीकि को कहा डाकू, भड़का दलित समाज
ब्रिटेन में भी अधिकारियों को इजाजत नहीं
यहां 100 के करीब गुरुद्वारा मौजूद है। इनमें से 70 के करीब गुरुद्वारे ने गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटियों ने इस घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर कर भारतीय अधिकारियों को पवित्र जगह पर नहीं घुसने देने के निर्णय का समर्थन किया है।
ब्रिटेन में भी अधिकारियों को इजाजत नहीं
यहां 100 के करीब गुरुद्वारा मौजूद है। इनमें से 70 के करीब गुरुद्वारे ने गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटियों ने इस घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर कर भारतीय अधिकारियों को पवित्र जगह पर नहीं घुसने देने के निर्णय का समर्थन किया है।