गौरतलब है कि बीते दिनों एक ड्रोन हमले के जरिए सुलेमानी को मार गिराया गया था। इस हमले को लेकर अमरीका का कहना था कि सुलेमानी एक आतंकी था और वह कई दूतावासों पर हमले की साजिश रच रहा था। मगर इस मामले में अमरीका के पास कोई पुख्ता सबूत नहीं थे। ट्रंप ने जब विपक्ष के सामने यह दलील दी तो सवाल उठे कि आखिर इतनी जल्दी क्या थी। इस मामले में विपक्ष से राय क्यों नहीं ली गई।
इस मामले को लेकर विपक्ष ने अमरीकी राष्ट्रपति को तानाशाह तक करार दिया। डेमोक्रेट्स का कहना है कि पश्चिमी देशों से तनाव का कारण ट्रंप के गैरजरूरी कदम हैं जो आज देश के खतरा बन चुके हैं। हाल ही में ईरान ने सुलेमानी की मौत बदला लेने के लिए ईरान ने बगदाद स्थित अमरीकी सैन्य बेस पर करीब 22 मिसाइलों से हमले किए थे। ईरान का दावा था कि इन हमलों में करीब 80 अमरीकी सैनिकों की मौत हुई है।