सूअर की किडनी में इंजीनियरिंग का कमाल
रिचर्ड को लगाई गई सूअर की किडनी को अस्पताल के साथ मैसाचुसेट्स के ईजेनेसिस ऑफ कैंब्रिज सेंटर के वैज्ञानिकों ने विकसित किया। इस प्रक्रिया में वैज्ञानिकों ने पहले सूअर से रेट्रोवायरस को निष्क्रिय किया, जो इंसान में इंफेक्शन का कारण बन सकते थे। इसके बाद इसमें इंसान के जीन को जोड़ा गया, जिससे इसकी क्षमता में वृद्धि हुई।
रिचर्ड को लगाई गई सूअर की किडनी को अस्पताल के साथ मैसाचुसेट्स के ईजेनेसिस ऑफ कैंब्रिज सेंटर के वैज्ञानिकों ने विकसित किया। इस प्रक्रिया में वैज्ञानिकों ने पहले सूअर से रेट्रोवायरस को निष्क्रिय किया, जो इंसान में इंफेक्शन का कारण बन सकते थे। इसके बाद इसमें इंसान के जीन को जोड़ा गया, जिससे इसकी क्षमता में वृद्धि हुई।
लाखों लोगों को होगा फायदा
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में लेंगोन ट्रांसप्लांट इंस्टीट्यूट के डॉ. रोबर्ट मोंटेगोमेरी ने बताया कि जेनेट्रांसप्लांटेशन के क्षेत्र में यह नया अध्याय है। जेनोट्रांसप्लांटेशन का अर्थ है किसी जीव के अंगों को अन्य जीव के अंगों में फिट करना। मोंटेगोमेरी ने कहा कि दुनियाभर में लाखों लोगों को किडनी फेल्योर की समस्या से जूझना पड़ता है। ऐसे रोगियों के लिए यह बड़ी राहत होगी। उन्होंने बताया, अकेले अमरीका में एक लाख लोग अंग प्रत्यारोपण के लिए वेटिंग लिस्ट में हैं। इनमें से ज्यादातर किडनी ट्रासप्लांट के मामले हैं।
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में लेंगोन ट्रांसप्लांट इंस्टीट्यूट के डॉ. रोबर्ट मोंटेगोमेरी ने बताया कि जेनेट्रांसप्लांटेशन के क्षेत्र में यह नया अध्याय है। जेनोट्रांसप्लांटेशन का अर्थ है किसी जीव के अंगों को अन्य जीव के अंगों में फिट करना। मोंटेगोमेरी ने कहा कि दुनियाभर में लाखों लोगों को किडनी फेल्योर की समस्या से जूझना पड़ता है। ऐसे रोगियों के लिए यह बड़ी राहत होगी। उन्होंने बताया, अकेले अमरीका में एक लाख लोग अंग प्रत्यारोपण के लिए वेटिंग लिस्ट में हैं। इनमें से ज्यादातर किडनी ट्रासप्लांट के मामले हैं।