इंटरनेशनल रेस्क्यू कमिटी (IRC) के सीईओ डिविड मिलबैंड के अनुसार कोरोना वायरस से कम आय वाले देशों में एक अरब लोग संक्रमित हो सकते हैं और 30 लाख लोग जान गंवा सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र की रेस्क्यू एजेंसी ने बताया कि अगर अमीर देश गरीब देशों की मदद नहीं करेंगे तो वहां स्थिति भयावह हो सकती है।
यूएन एजेंसी ने विकासशील देशों के प्रति अपनी चिंता व्यक्त की है। उसका कहना है कि इन देशों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बेहद खराब है। एजेंसी के अनुसार यूरोपीय देशों की तुलना में इन देशों के हालात पहले से ही खराब हैं। उदाहरण के तौर पर अगर बांग्लादेश के कॉक्स बाजार को देखें जहां म्यांमार से आए शरणार्थी रह रहे हैं, वहां का जन घनत्व न्यूयॉर्क से चार से सात गुना ज्यादा है। वहीं दक्षिण सूडान में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में वेंटिलेटर को लग्जरी की तरह देखा जाता है। ऐसे में अनुमान है कि एक अरब से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित होंगे।’
मिलिबैंड के अनुसार न्यूयॉर्क का जिक्र इसलिए किया गया है क्योंकि अमरीका में वह कोरोना वायरस का गढ़ कहा जा रहा है। यहां पर 19 हजार लोग कोरोना की चपेट में हैं। ये वह राज्य है जहां पर स्वास्थ्य सुविधाए काफी एडवांस स्टेज की मानी जाती हैं। यहां पर कोरोना वायरस के कारण मेडिकल सुविधाओं में कमी देखने को मिल रही है।