केवल 399 रुपये में बाजार में लॉन्च हो गई दुनिया की सबसे सस्ती कोरोना diagnostic kit, और कम हो सकती है कीमत आने वाले वक्त में कोरोना वायरस ( Coronavirus Pandemic ) के लगभग 150 से अधिक टीके विकास के कई चरण में हैं, जिनमें से कुछ अब क्लीनिक ट्रायल के अगले चरण की ओर बढ़ रहे हैं। अबतक बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने कोरोना वायरस को हराने के लिए कई कोशिशें कीं, जिनमें उन्होंने अभी तक 30 करोड़ डॉलर का निवेश किया है।
एक ब्लॉग पोस्ट में गेट्स ने पहले कहा था कि महामारी का मुकाबला करने के लिए एक सेफ और असरदार टीके को बनाने की तुरंत जरूरत है। बिल गेट्स की सोच वाकई में सराहनीय है। उन्होंने लिखा था, “हमें अरबों की संख्या में खुराक बनाने की आवश्यकता है, इन्हें दुनिया के हर हिस्से में पहुंचाने की जरूरत है और हमें यह सब जल्द से जल्द करने की भी आवश्यकता है।”
गौरतलब है कि इससे गेट्स ने कहा कि COVID-19 दवाओं और इसके बाद में टीके उन देशों और लोगों को मुहैय्या करवाने चाहिए जो इसके सबसे ज्यादा जरूरतमंद ( help the needy ) है। उन्होंने ये भी कहा कि उन लोगों को ये टीके और दवाएं पहले नहीं मिलनी चाहिए जो कि पैसों के बल पर इन्हें खरीद सकते हैं।
कोरोना वैक्सीन AZD1222 ने दिखाई दुनिया को बड़ी सफलता की राह, जल्द हो सकती है घोषणा बिल गेट्स ने अंतरराष्ट्रीय एड्स रोग संघ (आईएएस) द्वारा आयोजित COVID-19 से संबंधित एक ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि दवाएं और टीके ( covid-19 vaccine ) सबसे अधिक आवश्यकता वाले लोगों को दिए जाएं ना कि दौलतमंद को। जरूरतमंद को ये टीके और दवाएं ना देकर अगर दौलंतमंदों को ये दे दी गईं तो फिर इस महामारी से निपटना मुश्किल हो जाएगा। इसकी वजह से महामारी और लंबे समय तक जारी रहेगी। इसके साथ ही महामारी के गंभीर परिणाम सभी को भुगतने पड़ सकते हैं।
बिल गेट्स ने कहा था, “हमारे नेताओं को इक्विटी के आधार पर वितरण के बारे में यह कठोर निर्णय लेने की जरूरत है, न कि मार्केट फैक्टर्स पर निर्भर रहना।”