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देश ही नहीं दुनिया भी रखेगी अरुण जेटली को याद, इस बयान की हुई थी विश्वभर में चर्चा

locationनई दिल्लीPublished: Aug 24, 2019 03:33:17 pm

Submitted by:

Shweta Singh

हिंदू राष्ट्रवाद पर इस बयान की हुई थी काफी चर्चा
कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों में दी हैं अपनी सेवाएं

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नई दिल्ली। देश के पूर्व वित्त मंत्री और भाजप के दिग्गज नेता अरूण जेटली शनिवार 24 अगस्त को दुनिया को अलविदा कह गए। देश की राजनीति और कानून तंत्र में उन्होंने काफी अहम योगदान दिया है। अरूण जेटली को देश ही दुनियाभर में याद किया जाएगा। एक समय था, जब जेटली की ओर से दिया बयान दुनियाभर में चर्चा का विषय रहा। यही नहीं, अपने कानूनी सफर में भी उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों में अपनी कानूनी सेवाएं दी थी।

हिन्दू राष्ट्रवाद महज ‘अवसरवादी मुद्दा’

एक अमरीकी राजनयिक ने खुलासा किया था कि जेटली ने उनसे बातचीत में कहा था कि हिन्दू राष्ट्रवाद उनकी पार्टी के लिए महज ‘अवसरवादी मुद्दा’ है। यह बात दिल्ली स्थित अमरीकी राजनयिक ने अपने देश को भेजे एक संदेश में कही थी। वीकिलीक्स की ओर से जेटली का यह बयान उस वक्त सामने आया था, जब भाजपा प्रमुख तौर पर इस मुद्दे के माध्यम से कांग्रेस को घेरने में जुटी थी।

जेटली ने दी थी सफाई

राजनयिक ने बताया था कि, ‘बातचीत के दौरान हिन्दुत्व के सवाल पर जेटली ने कहा कि हिन्दू राष्ट्रवाद भाजपा के लिए हमेशा चर्चा का बिन्दु रहेगा। उन्होंने इसे एक अवसरवादी मुद्दा बताया।’ बता दें कि राजनयिक राबर्ट ब्लेक ने जेटली से मुलाकात के बाद अपनी सरकार को 6 मई 2005 भेजे एक संदेश में यह बातें बताई थीं। इसके खुलासे के बाद जेटली ने अपनी सफाई में कहा था कि उन्होंने ‘अवसरवादी’ शब्द का प्रयोग नहीं किया था। हो सकता है यह शब्द राजनयिक ने अपनी तरफ से जोड़ा होगा।

इन सेक्टरों में भी रहा अहम योगदान

आपको बता दें कि जेटली भारत की ओर से एशियन डेवलपमेंट बैंक में बोर्ड ऑफ गवर्नर में शामिल रहे। इसके अलावा जेटली ने कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए कानूनी सहायता भी दी थी। साल 2002 में जेटली ने कोका कोला के खिलाफ न्यूयॉर्क की कंपनी पेप्सिको के केस का प्रतिनिधित्व भी किया।

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