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Uttarakhand: चमोली आपदा से हैरान क्यों हैं देश के बड़े-बड़े वैज्ञानिक, जानिए वजह

चमोली के जोशीमठ में तपोवन स्थित बांध टूटने की खबर आई है
कर्णप्रयाग का बाजार खाली करवाने में स्थानीय प्रशासन जुट गया है

Feb 07, 2021 / 09:23 pm

Mohit sharma

Uttarakhand: चमोली आपदा से हैरान क्यों हैं देश के बड़े-बड़े वैज्ञानिक, जानिए वजह

Uttarakhand: चमोली आपदा से हैरान क्यों हैं देश के बड़े-बड़े वैज्ञानिक, जानिए वजह

नई दिल्ली। चमोली जिले ( Chamoli district ) के जोशीमठ में तपोवन स्थित बांध टूटने की खबर आई है। कर्णप्रयाग का बाजार खाली करवाने में स्थानीय प्रशासन जुट गया है। वहीं ये सूचना हरिद्वार जिले तक अलर्ट लेकर आई है। अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नही मिली है। हालांकि एक पावर डैम के पूरी तरह ध्वस्त होने की सूचना है। अनुमान के मुताबिक पानी के रिसाव के खतरे को देख एसडीआरफ को अलर्ट किया गया है। शासन स्तर पर आला अधिकारी भी मामले की जानकारी व योजना बनाने में जुट गए है। डीआईजी रिदिम अग्रवाल ने पुष्टि करते हुए आसपास के इलाके में अलर्ट जारी करते हुए बताया है कि एक एवलांच भी आया था, जिस वजह से हादसा हुआ हो सकता है।

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इस घटना से वैज्ञानिक भी हैरान

यहां गौर करने वाली बात यह है कि इस घटना से वैज्ञानिक भी हैरान हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि सर्दियों में ग्लेशियर फटने की घटना पहली बार देखी गई है। वैज्ञानिक चमोली हादसे को असाधारण घटना बताई है। वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन ज्योलॉजी के वैज्ञानिक डॉ. अमित कुमार का कहना है कि यह अचंभित करने वाली घटना है। हालांकि इस त्रादसी को लेकर वैज्ञानिकों का अलग-अलग मानना है। जहां कुछ वैज्ञानिक इसके पीछे जमीन कटाव को कारण बता रही हैं तो कुछ दूसरी वजह तलाश रहे हैं। लेकिन अधिकांश वैज्ञानिकों के लिए यह असामान्य घटना है। वैज्ञानिक अपने-अपने स्तर पर इस त्रादसी की जांच में जुटे है।

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हिमस्खलन से एक नदी ऋषिगंगा में बाढ़ आई

चमोली जिले की नीति घाटी में हिमस्खलन से एक नदी ऋषिगंगा में बाढ़ आई है। इससे तपोपन में एनटीपीसी का पावर प्रोजेक्ट तबाह हो गया। प्रशासन ने हरिद्वार तक हाई अलर्ट जारी कर दिया है। कर्णप्रयाग बाजार को पूरी तरह से खाली करवा दिया है। प्रारंभिक सूचना के मुताबिक जान माल की भारी नुकसान हुआ है, लेकिन अभी तक आधिकारिक आंकड़े जारी नहीं हुए हैं। डीआईजी गढ़वाल नीरू गर्ग ने बताया कि प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। नदी के किनारे बसे क्षेत्रों को खाली करवाने के लिए एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन जुट गया है। अभी तक नुकसान का कोई आकलन नहीं हुआ है।

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अधिकारी अलर्ट मोड

उत्तराखण्ड में भारी आपदा को लेकर राज्य के हर एक अधिकारी अलर्ट मोड पर नजर आ रहे है । इसी के चलते आपदा प्रबंधन सचिव एसए मुरुगेशन ने हृष्ठक्रस्न की तैयारी को लेकर बाते साझा की । जिसमें उन्होंने बताया कि आपदा के चलते जोशीमठ में भारी मात्रा मे पानी आया है , जिससे काफी नुकसान हुआ है । टीमें भेज दी गई है साथ ही रेस्क्यू के लिए चोपर्स का भी इंतिज़ाम किया गया है ।

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