DMER ने जारी किया नोटिस जानकारी के मुताबिक, डायरेक्टोरेट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च ( DMER ) ने इस मामले को लेकर नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि इन सभी डॉक्टर्स को प्रोटेक्टिव गियर्स दिए जाएंगे। इसके अलावा सभी डॉक्टर्स को इस दौरान अलग से मेहनताना भी दिया जाएगा। हालांकि, इस आदेश में 55 साल से ज्यादा उम्र के डॉक्टर्स को रियायत दी गई है। इतना ही नहीं सभी डॉक्टर्स को इस आदेश को तुरंत फॉलो करते हुए रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।
सेवा नहीं देने पर होगी कार्रवाई दरअसल, COVID-19 के कारण ज्यादातर प्राइवेट डॉक्टर्स की क्लीनिक बंद हैं। मामला यहां बहुत ज्यादा है, इसलिए सरकार चाहती है कि सभी डॉक्टर्स इस विषम परिस्थिति में आगे आएं और मरीजों का इलाज करें। आदेश में 15 दिनों के लिए डॉक्टर्स को सेवा देने के लिए कहा गया है। हाालंकि, डॉक्टर्स के पास ये च्वाइस होंगे कि वे अपनी इच्छा और पसंद बता सकते हैं। वहीं, जो भी डॉक्टर्स इस आदेश को नहीं मानेगा उसके खिलाफ एपिडेमिक डिसीजेज़ एक्ट 1897 व अन्य एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
महाराष्ट्र में कोरोना को लेकर स्थिति बेहद खराब वहीं, सरकार के इस आदेश पर मुंबई के सर्जन डॉक्टर राजेश बिजलानी का कहना है कि इस विषम परिस्थिति में हम सरकार के साथ हैं और हमारी जरूरत भी है। लेकिन, जो अन्य मरीज हैं और लॉकडाउन के कारण उन्हें काफी परेशानी हो रही है उनका क्या होगा? उन मरीजों का इलाज कौन करेगा, यह सरकार को जरूर सोचना चाहिए। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। राज्य में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 16758 पहुंच गया है, जबकि 651 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 3094 लोग इस खतरनाक वायरस से ठीक हो चुके हैं।