हड़ताल से पर्यटकों को उठानी पड़ रही है परेशानी
हड़ताल का सबसे ज्यादा असर देश-विदेश से आए पर्यटकों पर देखने को मिला। टैक्सी ड्राइवरों की हड़ताल के चलते लोगों को मजबूरी में बसों में सफर करना पड़ रह है। ये हालात नैनीताल से लेकर मसूरी तक बने हुए हैं। बता दें कि हड़ताल का असर कम दिखे इसके लिए राज्य सरकार ने बड़ी संख्या में बसें तो चलाई है , लेकिन ये नाकाफी साबित हो रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ बसों के चलने की वज से परिवहन निगम की आमदनी में खासी बढ़ोत्तरी देखने को मिली है।
सरकार के फैसले पर उठे सवाल
वहीं, टूरिज्म इंडस्ट्री से जुडे लोगों ने चारधाम यात्रा के समय सरकार की तरफ से उठाए गए इस कदम पर सवाल उठाया है। जानकारों का मानना है कि सरकार को यह कदम चारधाम यात्रा शुरु होने से पहले या समाप्त होने के बाद लेना चाहिए था। वहीं, इस पर राज्य सरकार ने अपनी सफाई में कहना कि हमने सुप्रीम कोर्ट का निर्णय माना है। रोड़ सेफ्टी को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मॉनिटरिंग कमेटी ने टैक्सी में स्पीड़ गर्वनर लगाए जाने का आदेश दिया था।
तकनीकि समिति का गठन
बता दें कि परिवहन विभाग में इस संबंध में एक तकनीकि समिति का गठन किया है। यह तकनीकि समीति आरटीओ सुधांशु गर्ग की अगुआई में काम करेगी, जिसमें यह पता लगाया जाएगा कि पर्वतीय इलाकों में स्पीड गर्वनर व बिना स्पीड गर्वनर लगी हुई गाडियों का संचालन ऊचित है या नहीं।