सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) के तरफ से बनाए गए नियमों के मुताबिक लाइसेंस लेकर ही डीजे ( DJ In UP ) बजाया जाए। साथ ही अदालत ने इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad Highcourt) के 2 साल पुराने फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें पूरे राज्य में डीजे बजाने पर लगा दिया था।
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देश की शीर्ष अदालत ने कहा कि कानूनी तरीके से वैध रुप से जारी किए गए लाइसेंस धारक ही प्रदेश में डीजे बजा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा की जिस याचिका पर आदेश जारी हुआ उसमें यह मांग नहीं की गई थी।
सिर्फ एक इलाके में शोर से राहत मांगी गई थी, लेकिन हाई कोर्ट ने बिना प्रभावित पक्ष को सुने ही आदेश दे दिया।
देश की शीर्ष अदालत ने कहा कि कानूनी तरीके से वैध रुप से जारी किए गए लाइसेंस धारक ही प्रदेश में डीजे बजा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा की जिस याचिका पर आदेश जारी हुआ उसमें यह मांग नहीं की गई थी।
सिर्फ एक इलाके में शोर से राहत मांगी गई थी, लेकिन हाई कोर्ट ने बिना प्रभावित पक्ष को सुने ही आदेश दे दिया।
यूपी सरकार की वकील की दलील
सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से गरिमा प्रसाद ने कहा कि 4 जनवरी 2018 को सरकार ने DJ और इंडस्ट्रियल एरिया में शोर की आवाज को लेकर निर्देश जारी किया था।
सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से गरिमा प्रसाद ने कहा कि 4 जनवरी 2018 को सरकार ने DJ और इंडस्ट्रियल एरिया में शोर की आवाज को लेकर निर्देश जारी किया था।
हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक 2019 से राज्य में DJ नही बज रहा है और सरकार HC के आदेश का पालन करा रही है। दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अगस्त 2019 में पूरे राज्य में डीजे पर प्रतिबंध लगा दिया था।
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सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि, हाईकोर्ट का आदेश न्यायोचित नहीं है। अदालत ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण मामले में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि, हाईकोर्ट का आदेश न्यायोचित नहीं है। अदालत ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण मामले में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन किया जाए।