West Bengal: चुनावी मैदान में उतरी BJP की ‘सुपर 22 टीम’, जानिए पार्टी ने किन नेताओं पर जताया भरोसा
याचिकाकर्ता ने बताया कि इस्लाम के तीसरे खलीफा हजरत उस्मान के समय में करीब 300 कुरान शरीफ प्रचलन में आ चुके थे, जो अलग अलग लोगों द्वारा समय-समय पर लिखे गए थे। उस जमाने में इस्लाम को फैलाने और उसके प्रचार के लिए तलवार के जोर पर अभियान चल रहे थे। याचिकाकर्ता ने बताया कि यह वही दौर था जब कुरान में 26 आयतें जोड़ी गईं। आरोप है कि इन आयतों को मानवता के मूल और असल सिद्धांतों का अल्लंघन और मजहब के नाम पर नफरत और कत्लेआम फैलाने वाली बताया गया।
Coronavirus: महाराष्ट्र में कोरोना फिर बना काल, कई जगहों पर लगाया जाएगा लॉकडाउन
याचिकाकर्ता की दलील हैं कि जब कुरान शरीफ की कई किताबे प्रचलन में थीं, तब इस्लामिक ग्रंथ सही अल बुखारी के अनुसार तीसरे खलीफा हजरत उस्मान ने पुरानी कुरान की प्रति की नकल लिखवाई और बाकि बची सभी प्रतियां नष्ट करवा दीं। इस पर याचिकाकर्ता रिजवी ने कहा कि एक ओर जहां कुरान शरीफ में इंसानियत, भाईचारे और प्रेम का पैगाम दिया गया है, वहीं इन 26 आयतों में नफरत और गारत का सबक कैसे सिखाया जा सकता है। यही वजह है कि इन्हीं आयातों के आधार पर मुस्लिम युवाओं का ब्रेनवॉश कर उनको गलत रास्ते पर उतारा जा रहा है। उनको जेहाद के नाम पर बहकाया और उकसाया जा रहा है, जिससे देश की एकता और अखंडता खतरे में पड़ गई है।