दरअसल, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने बताया है कि कोरोना से ठीक हो चुके लोगों को डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन की एक खुराक ही काफी है। ICMR की एक स्टडी में ये बात सामने आई है कि जो लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं और वैक्सीन की एक या दोनों डोज ले चुके हैं वे डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ ज्यादा सुरक्षित दिखते हैं।
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शोध के निष्कर्ष में बताया गया है कि कोरोना से ठीक हुए लोगों ने यदि वैक्सीन की एक या दो डोज ली है तो वे कोविशील्ड की एक या दो डोज लेने वाले अन्य लोगों की तुलना में डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ ज्यादा सुरक्षित हैं।
ICMR के शोध में ये भी पता चला है कि हुमोरल और सेलुलर इम्यून कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। डेल्टा वेरिएंट कोरोनो के बाकी अन्य म्यूटेडेट स्ट्रेंस की तुलना में अधिक संक्रमणीय और विषाणुजनित है। इस शोध के जरिए कोविशील्ड (पहली डोज और दूसरी डोज) से प्रतिरक्षित व्यक्तियों की एंटीबॉडी प्रतिक्रिया को बेअसर करने का आकलन किया गया है।
अब तक 34 करोड़ से अधिक लोगों को लगा वैक्सीन
आपको बता दें कि देश में कोरोना संक्रमण के खिलाफ तेजी के साथ टीकाकरण अभियान को आगे बढ़ाया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक देश में कुल 34,54,08,527 डोज दिए जा चुके हैं जिसमें पहला डोज लेने वालों की संख्या 28,30,22,988 है जबकि 6,23,85,539 लोगों को दूसरी डोज दी गई है। शनिवार को 55,49,771 डोज दिए गए।