इस बीच भारत के लिए एक बड़ी और अच्छी खबर सामने आई है। अमरीकी फार्मास्युटिकल दिग्गज कंपनी फाइजर ने भारत को 2021 में 50 मिलियन (5 करोड़) COVID-19 टीकों की आपूर्ति करने की बात कही है। कंपनी ने कहा है कि भारत को कुछ शर्तों के साथ 2021 में 50 मिलियन वैक्सीन की आपूर्ति की जाएगी।
Coronavirus: रिपोर्ट में दावा, फाइजर वैक्सीन की पहली खुराक 85 फीसदी तक प्रभावी
हालांकि, दवा निर्माता फाइजर ने अपने शॉट्स के लिए क्षतिपूर्ति सहित कुछ खंडों में ढील देने के लिए कहा है। इसके अलावा, अमरीका की एक और फार्मास्युटिकल दिग्गज कंपनी मॉडर्ना द्वारा मुंबई स्थित भारतीय दवा कंपनी सिप्ला के साथ मिलकर भारत में अपने COVID-19 टीकों का निर्माण शुरू करने की उम्मीद है।
दोनों कंपनियों ने सीधे राज्यों को दवा देने किया इनकार
आपको बता दें कि मॉडर्ना और फाइजर ने इससे पहले भारत के किसी भी राज्य सरकार को सीधे-सीधे वैक्सीन देने से इनकार कर दिया था। दोनों कंपनियों ने कहा था कि राज्यों को वैक्सीन सीधे नहीं देंगे, बल्कि भारत सरकार के साथ सीधे डील करेंगे।
इसको लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा था, “हमने टीकों के लिए फाइजर और मॉडर्न से बात की है और दोनों कंपनियों ने सीधे हमें टीके बेचने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि वे अकेले भारत सरकार से निपटेंगे।”
भारत में बढ़ रही है वैक्सीन उत्पादन की क्षमता
आपको बता दें कि भारत में मांग के अनुरुप अब धीरे-धीरे वैक्सीन के उत्पादन की क्षमता बढ़ रही है। इस महीने की शुरुआत में देश में रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी के साथ टीकाकरण शुरू हुआ था। भारत और रूस हर महीने लगभग 35-40 मिलियन खुराक बनाने की योजना बना रहे हैं जो अगस्त या सितंबर से शुरू होगी।
Corona Vaccine का महिलाओं में ज्यादा साइड इफेक्ट, एलर्जी के 90 फीसदी मामले आने के बाद जांच शुरू
अगस्त में स्थानीय उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण से पहले, रूस भारत को करीब 18 मिलियन स्पुतनिक वी खुराक भेजेगा। मई में 3 मिलियन (30 लाख), जून में 5 मिलियन (50 लाख) और जुलाई में 10 मिलियन (एक करोड़) टीके भारत को रूस से मिलेंगे।
बता दें कि 24 मई को, रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (RDIF) और भारत में प्रमुख दवा उत्पादकों में से एक, Panacea Biotec ने स्पुतनिक V COVID-19 वैक्सीन का उत्पादन शुरू किया था। स्पुतनिक वी टीकों का उत्पादन हेटेरो बायोलॉजिक्स, विरचो बायोटेक, ग्लैंड फार्मा, स्टेलिस बायोफार्मा और शिल्पा मेडिकेयर आदि जगहों पर किया जा रहा है।
भारत में प्रति माह 20-25 करोड़ टीकों का उत्पादन होने की उम्मीद
मालूम हो कि भारत में इस साल 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई थी। भारत में दो स्वदेशी टीकों का उपयोग किया जा रहा है। इसमें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा कोविशील्ड और हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सिन शामिल है। सूत्रों के अनुसार, भारत में प्रति माह लगभग 20-25 करोड़ टीकों का उत्पादन होने की उम्मीद है।
सूत्रों ने बताया कि अगली पीढ़ी के दो टीके भी भारत में बनाए जाएंगे। एक कैडिला ज़ाइडस द्वारा डीएनए वैक्सीन है और दूसरा जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा एक एमआरएनए वैक्सीन है। दोनों टीकों ने वादा दिखाया है और खुराक की आपूर्ति के लिए अंतरराष्ट्रीय निर्भरता को कम करने की उम्मीद है।