फिलहाल, Earth mover machines के जरिए मलबा हटाया जा रहा है। इस बस में 25 से अधिक लोगों के फंसे होने की आशंका है। रेस्क्यू में आईटीबीपी के 300 जवान लगे हैं। घटनास्थल पर लगातार पत्थर गिरने की वजह से राहत-बचाव कार्य में समस्या आ रही है।. बारिश और अंधेरे के कारण भी अब मुश्किल और बढ़ सकती है। हालांकि मौके पर ITBP के साथ एनडीआरएफ, स्टेट टीमें भी हैं। ITBP के मुताबिक, किन्नौर के नुगुलसारी इलाके में भूस्खलन स्थल से कुल 10 शव बरामद किए गए हैं, जबकि 14 लोगों को अब तक बचा लिया गया है।
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बता दें कि निगोसारी और चौरा के बीच में अचानक पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा टूट गया और सड़क पर गिरा। इस हादसे में एचआरटीसी बस सहित कई गाड़ियां मलबे में दब गई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, बस में करीब 40-50 यात्रियों के फंसे होने की बात कही जा रही है। डिप्टी कमिश्नर सादिक हुसैन ने इसकी जानकारी दी। विधानसभा सत्र के दौरान हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने भी घटना की पुष्टि की है। एक महीने से भी कम समय में किन्नौर में भूस्खलन की यह दूसरी बड़ी घटना है।
बस की खाई में गिरने की आशंका
खबरों के अनुसार, किन्नौर जिले मे मूरंग हरिद्वार रूट की यह बस है। प्रशासनिक जानकारी के अनुसार, बस के ड्राइवर ने हादसे के बाद घटना स्थल से जानकारी दी है कि बस में 35 से 40 लोग सवार थे। किन्नौर के भावानगर के पास की यह घटना है। बस सड़क से दूर दूर तक नहीं दिख रही है। बताया जा रहा है कि बस सड़क से नीचे खाई में गिर गई है।
लगातार पत्थर गिरने से बचाव कार्य में बाधा
हादसे के बाद एनडीआरएफ की टीम को मौके पर भेजा गया है। इसके अलावा स्थानीय प्रशासन भी बचाव के काम में जुटा है। यह हादसा दोपहर 12 बजकर 45 मिनट के करीब हुआ है। अभी भी हादसे की जगह पर लगातार पत्थर गिर रहे हैं जिससे राहत का काम शुरू करने में काफी दिक्कत हो रही है।
पहले भी हो चुका है हादसा
हिमाचल में भारी बारिश के चलते लगातार भूस्खलन हो रहा है। आपको बता दें कि इससे पहले किन्नौर के सांगला-छितकूल मार्ग पर 25 जुलाई को बड़ा लैंडस्लाइड हुआ था। पहाड़ से पत्थर गिरने से एक टूरिस्ट वाहन चपेट में आ गया था। इस हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि तीन लोग घायल हो गए थे।