अभी तक प्रदेश कैबिनेट ने नहीं लिया शराब की दुकानें खोलने का फैसला, हर बोतल पर COVID Cess की तैयारी महाराष्ट्र के नासिक में प्याज किसानों का कहना है कि उन्हें कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्याज किसानों के मुताबिक, “मार्केट कमेटी ने हमें अपनी फसल को बोरी में पैक करने के बाद उन तक लाने के लिए कहा। इस प्रक्रिया में कम से कम 100 रुपये का खर्चा होना तय है। इसके अलावा मजदूर का शुल्क, पैकिंग और परिवहन लागत भी अलग से लग रही है।”
नासिक के प्याज किसान संतोष नावले ने इस बारे में बताया, “अब हम प्रति क्विंटल प्याज में केवल 500 से 600 रुपये ही कमा पा रहे हैं। लेकिन खर्चा भी उतना ही ज्यादा है। बाजारों में ग्राहक नहीं आ रहे हैं। लिहाजा, प्याज के दाम भी गिर गए हैं। मानसून का मौसम भी आने वाला है। केवल कुछ ही किसानों के पास अपनी फसल को स्टोर करने के लिए जगह है और कुछ के पास नहीं।”
ऑनलाइन रिसर्च में बड़ा खुलासा, अमीर लोग लाखों रुपये में खरीद रहे हैं कोरोना से ठीक हुए मरीजों का खून नावले की मानें तो जिन किसानों के पास अपनी फसल को स्टोर करने की जगह है, वह इसे रख लेंगे और कुछ वक्त इंतजार करने के बाद बेचेंगे, तब इसकी अच्छी कीमत मिल जाएगी। इसकी वजह यह है कि आने वाले कुछ माह में लॉकडाउन खत्म होने के बाद ग्राहक बाजारों तक पहुंचेंगे और मार्केट कमेटी के भी मौजूदा नियम खत्म हो जाएंगे। ऐसे में कुछ वक्त तक इसका स्टॉक करने से उन्हें ज्यादा फायदा मिलेगा।