2 दिन में ही अल्ताफ के गाने ने मचा दी है धूम
अल्ताफ ने एक कश्मीरी लोकगीत ‘हो गुलो’ गाना गाकर लोगों का दिल जीत लिया है। ये गाना पाकिस्तान और कश्मीर के अंदर युवाओं की जुबान पर चढ़ा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि मीर आतंकी बनने के लिए पाकिस्तान गए थे, लेकिन कोक स्टूडिया पाकिस्तान की तरफ से उनका गाना जारी किए जाने के बाद वो एक लोकप्रिय गायक बन गए हैं। उनके गाने को सिर्फ दो दिन 1,50,000 से ज्यादा लोग देख चुके थे, जबकि 4 दिन में इस गाने को 310,672 लोग देख चुके हैं। ‘हो गुलो’ गाना प्रसिद्ध कश्मीरी कवि, स्वर्गीय गुलाम अहमद मेहजूर के एक पुराने क्लासिक्स में से है।
अल्ताफ ने एक कश्मीरी लोकगीत ‘हो गुलो’ गाना गाकर लोगों का दिल जीत लिया है। ये गाना पाकिस्तान और कश्मीर के अंदर युवाओं की जुबान पर चढ़ा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि मीर आतंकी बनने के लिए पाकिस्तान गए थे, लेकिन कोक स्टूडिया पाकिस्तान की तरफ से उनका गाना जारी किए जाने के बाद वो एक लोकप्रिय गायक बन गए हैं। उनके गाने को सिर्फ दो दिन 1,50,000 से ज्यादा लोग देख चुके थे, जबकि 4 दिन में इस गाने को 310,672 लोग देख चुके हैं। ‘हो गुलो’ गाना प्रसिद्ध कश्मीरी कवि, स्वर्गीय गुलाम अहमद मेहजूर के एक पुराने क्लासिक्स में से है।
परिवार ने मान लिया था कि हो गई मौत
आपको बता दें कि जिस वक्त मोहम्मद अल्ताफ मीर ने हिंदुस्तान छोड़ा था, उस समय वो 22 साल के थे। उन्होंने अनंतनाग जिले के जंगलात मंडी स्थित अपना घर छोड़ा था। अब 28 साल बाद उनका परिवार उनके कश्मीर लौटने की राह देख रहे हैं। अल्ताफ का परिवार तो ये मान चुका था कि उनकी मौत हो चुकी है, क्योंकि इन 28 सालों में अल्ताफ ने परिवार से किसी तरफ का कोई संपर्क करने की कोशिश नहीं की थी। इसी बीच कोक स्टूडियो पाकिस्तान की ओर से उनका गाना जारी किए जाने के बाद उनके जीवित होने की बात सामने आयी।
आपको बता दें कि जिस वक्त मोहम्मद अल्ताफ मीर ने हिंदुस्तान छोड़ा था, उस समय वो 22 साल के थे। उन्होंने अनंतनाग जिले के जंगलात मंडी स्थित अपना घर छोड़ा था। अब 28 साल बाद उनका परिवार उनके कश्मीर लौटने की राह देख रहे हैं। अल्ताफ का परिवार तो ये मान चुका था कि उनकी मौत हो चुकी है, क्योंकि इन 28 सालों में अल्ताफ ने परिवार से किसी तरफ का कोई संपर्क करने की कोशिश नहीं की थी। इसी बीच कोक स्टूडियो पाकिस्तान की ओर से उनका गाना जारी किए जाने के बाद उनके जीवित होने की बात सामने आयी।
2017 में जीवन में आया बदलाव
कोक स्टूडियो टीम पाकिस्तान की ओर से 2017 में देश में प्रतिभाओं की तलाश की जा रही थी। इसी बीच मीर का बैंड कश्मीर कोक स्टूडियो के 2018 संस्करण के लिए चुन लिया गया। कुल सात बैंड चुने गए थे जिनमें मीर का बैंड भी शामिल था। मीर के सुर्खियों में आने के बाद पता चला कि वे कई वर्षों तक रेडियो पाकिस्तान से जुड़े रहे। गाने के बोल हैं, ‘हा गुलो तुही मा सा वुचवुन यार मुएं, बुलबुलू तुही चांदतूं दिलदार मुएं”। मीर के भाई जावेद अहमद ने कहा, ”वह कमाल की नक्काशी करता था। बचपनप से ही उसका संगीत की तरफ झुकाव रहा।”
कोक स्टूडियो टीम पाकिस्तान की ओर से 2017 में देश में प्रतिभाओं की तलाश की जा रही थी। इसी बीच मीर का बैंड कश्मीर कोक स्टूडियो के 2018 संस्करण के लिए चुन लिया गया। कुल सात बैंड चुने गए थे जिनमें मीर का बैंड भी शामिल था। मीर के सुर्खियों में आने के बाद पता चला कि वे कई वर्षों तक रेडियो पाकिस्तान से जुड़े रहे। गाने के बोल हैं, ‘हा गुलो तुही मा सा वुचवुन यार मुएं, बुलबुलू तुही चांदतूं दिलदार मुएं”। मीर के भाई जावेद अहमद ने कहा, ”वह कमाल की नक्काशी करता था। बचपनप से ही उसका संगीत की तरफ झुकाव रहा।”
घर वापस आने के लिए परिवार लगा रहा गुहार
अल्ताफ मीर का गाना लोकप्रिय होने के बाद अब उनके परिजन उन्हें घर वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कई माध्यमों से मीर से गुहार लगाई है कि वो घर वापस लौट आएं। मीर की मां जना बेगम कहती हैं कि उसके जिन्दा होने से हमें बेहद खुशी है। उन्होंने कहा कि 28 साल पहले खबर आई थी कि वह आतंकी बन गया, पर अब इस बात का संतोष है कि वो अच्छा काम कर रहा है।
अल्ताफ मीर का गाना लोकप्रिय होने के बाद अब उनके परिजन उन्हें घर वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कई माध्यमों से मीर से गुहार लगाई है कि वो घर वापस लौट आएं। मीर की मां जना बेगम कहती हैं कि उसके जिन्दा होने से हमें बेहद खुशी है। उन्होंने कहा कि 28 साल पहले खबर आई थी कि वह आतंकी बन गया, पर अब इस बात का संतोष है कि वो अच्छा काम कर रहा है।