बच्ची के अभिभावक कौन होंगे, यह सवाल आ रहा था। यदि बच्चों के अभिभावक कानूनी तौर पर परिवर्तित हो जाते हैं तो कोई मुद्दा नहीं है। अनामिका राठौड़ मामले में इस प्रक्रिया का पालन हुआ है या नहीं, इसकी जांच की जा रही है। कानून का उल्लंघन किया गया होगा तो बाल संरक्षण आयोग को इसकी रिपोर्ट भेजी जाएगी।
सतीश शर्मा, पुलिस आयुक्त, सूरत
क्यों रोका मुझे अपनाने को मुनिवेश से ..?
सूरत. मुमुक्षु अनामिका से नवदीक्षिता साध्वी बनीं अनाकारश्री ने जयपुर के एडवोकेट राजेश मूथा के माध्यम से उनकी दीक्षा का विरोध करने वालों से लंबी चौड़ी कविता लिख कर कई सवाल पूछे हैं। कविता का शीर्षक है ‘पूछ रही अनामिका सवाल देश से, क्यों रोका मुझे अपनाने को मुनिवेश से?
पौने तीन वर्ष की बेटी को छोड़कर जैन दंपती के दीक्षा लेने के मामले में गुजरात बाल अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया था। आयोग ने इस ममाले में सूरत जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगा था। मध्यप्रदेश के नीमच के रहने वाले सुमित और उनकी पत्नी अनामिका ने बीते सप्ताह भिक्षु बनने के निर्णय की घोषणा की थी। इनकी शादी चार साल पहले ही हुई है। इनकी एक बेटी है। परिवार के समझाने के बावजूद युवा दंपति संन्यास लेने के निर्णय पर अडिग है।