वहीं विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने सीबीआई जांच को लेकर संतोष जाहिर किया। उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच से तथ्यों को सामने लाने में मदद मिलेगी और 1994 के इसरो जासूसी मामले के पीछे के असली दोषियों का पर्दाफाश होगा।
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कौन है शुभल शाह जो वडोदरा में COVID मरीजों को मुफ्त खाना दे रहे हैं मुरलीधरन ने शुक्रवार को पूर्व अंतरिक्ष वैज्ञानिक नंबी नारायणन से मुलाकात के बाद ये बात कही। 1994 के जासूसी मामले में गलती करने वाले पुलिस अधिकारियों की भूमिका पर उच्च स्तरीय समिति ने रिपोर्ट दाखिल की थी। केंद्र ने इस रिपोर्ट पर विचार करने संबंधी एक याचिका दायर की गई थी, जिस पर हाल में सुनवाई हुई।
सुनवाई को बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए। वहीं कोर्ट के आदेश को लेकर मुरलीधरन ने कहा कि जासूसी मामले ने एक वैज्ञानिक का जीवन खराब कर दिया, जो राष्ट्र के लिए एक उपयोगी तकनीक विकसित करने में शामिल था।
सीबीआई जांच के जरिए असली दोषियों को सामने लाने में मदद मिलेगी। दरअसल केंद्र ने पांच अप्रैल को कोर्ट में याचिका दायर की थी और मामले को राष्ट्रीय मुद्दा बताते हुए कहा था कि पैनल की रिपोर्ट पर तत्काल सुनवाई की जाए।
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CBI के पूर्व डायरेक्टर Ranjit Sinha का निधन, 68 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस वहीं सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली पीठ ने आदेश दिए कि केंद्र की अर्जी और शीर्ष अदालत के न्यायाधीश डी के जैन की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय पैनल की रिपोर्ट पर विचार किया जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया है कि इस मामले की सीबीआई जांच की जाए।
आपको बता दें कि 1994 के जासूसी मामले में नांबी नारायण ना सिर्फ आरोपमुक्त हो चुके हैं बल्कि कोर्ट ने केरल सरकार को मुआवजे के तौर पर 50 लाख रुपए देने को भी कहा है।
आपको बता दें कि दो और साइंटिस्ट डी. शशिकुमारन और डिप्टी डायरेक्टर के. चंद्रशेखर को गिरफ्तार किया गया। सभी पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप था। इसके अलावे इस मामले में रुसी स्पेस एजेंसी के एक भारतीय प्रतिनिधि एसके शर्मा, एक लेबर कांट्रैक्टर और राशिदा की सहेली फैजिया इसन को भी गिरफ्तार किया गया था।