इसके तहत इस प्रस्ताव को जल्द ही मंजूरी के लिए कैबिनेट के पास भेजा जाएगा। कैबिनेट से प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए 35 रुपए तका अतिरिक्त किराया लिया जा सकेगा।
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रेल यात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं देने के मकसद से अब भारतीय रेलवे देश के चुनिंदा रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास कर रही है। यही वजह है कि इसका अतिरिक्त भार भी रेल यात्रियों को ही उठाना होगा।
सूत्रों के मुताबिक उपयोग शुल्क श्रेणी के मुताबिक अलग-अलग होगा और यह दस रुपए से लेकर एसी प्रथम श्रेणी के यात्रियों के लिए 35 रुपए तक हो सकता है। आपको बता दें कि भारतीय रेलवे ने ये बात पहले ही साफ कर दी थी कि उपयोग शुल्क उन्हीं स्टेशनों के लिए लिया जाएगा, जिनका चयन पुनिर्विकास के लिए हुआ है। दरअसल देशभर में करीब सात हजार रेलवे स्टेशन हैं।
इनमें से भारतीय रेलवे ने 700 से 1000 के करीब स्टेशनों का पुनर्विकास के चयन किया है। ये ऐसे स्टेशन हैं जहां यात्रियों की संख्या अन्य स्टेशनों के मुकाबले में ज्यादा होती है। इन स्टेशनों पर वर्ल्डक्लास सुविधा देने की भी तैयारी की जा रही है। यही वजह है कि रेलवे अतिरिक्त किराए को लेकर गंभीरता से विचार कर रही है।
आपको बता दें कि रेलवे जो उपयोग शुल्क लेने जा रही है वो विभिन्न हवाई अड्डों पर पहले से ही लिया जाता है। इस शुल्क की दरें भी अलग-अलग शहरों के मुताबिक अलग-अलग होती हैं।
रेल मंत्रालय के एक प्रवक्ता के मुताबिक उपयोग शुल्क आवश्यक रूप से एक छोटी राशि है, जिसका इस्तेमाल रेलवे स्टेशनों पर सभी यात्रियों की सुविधाओं को बढ़ाने में होता है। अभी तय नहीं राशि
प्रवक्ता के मुताबिक उपयोग शुल्क की राशि को लेकर अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। हालांकि ये स्पष्ट ही उपयोग शुल्क को न्यूनतम रखा जाएगा जो यात्रियों के लिए देना ज्यादा कठिन नहीं होगा।
प्रवक्ता के मुताबिक उपयोग शुल्क की राशि को लेकर अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। हालांकि ये स्पष्ट ही उपयोग शुल्क को न्यूनतम रखा जाएगा जो यात्रियों के लिए देना ज्यादा कठिन नहीं होगा।
आपको बता दें कि 17 सितंबर को रेलवे के सीईओ वीके यादव ने कहा था कि देश के सभी स्टेशनों पर उपयोग शुल्क नहीं लगेगा। अगले पांच वर्ष तक उन्हीं स्टेशनों पर उपयोग शुल्क लिया जाएगा, जहां यात्रियों की संख्या काफी अधिक है। इसको लेकर जल्द ही अधिसूचना भी जारी की जाएगी।