India-China Dispute: चीन में मारे गए सैनिकों के परिजन बेबस, ना नाम और ना सम्मान ताजा जानकारी के मुताबिक अमरीका की सत्तारूढ़ रिपब्लिकन पार्टी के साथ ही विपक्षी पार्टी डेमोक्रेट के दो शीर्ष सीनेटरों ( US Senator ) ने भारत के साथ सैन्य संबंधों को मजबूत करने के लिए कदम उठाया है। सीनेटरों ने विशेषरूप से पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स और और सैन्य क्षेत्र में ज्वाइंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट में तेजी लाने के एक बिल ( ndaa bill ) पेश किया है।
इस बिल का नाम राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम ( NDAA ) 2021 संशोधन विधेयक है। NDAA के अंतर्गत रक्षा मंत्री से दोनों देशों के बीच डिफेंस और इससे जुड़े इंडस्ट्रियल एंड टेक्नोलॉजिकल रिसर्च, डेवलपमेंट के मौकों के साथ ही कर्मियों के आदान-प्रदान पर एक जानकारी देने का भी प्रस्ताव है।
इसे लेकर सीनेटर मार्क वार्नर और जॉन कॉर्निन ने रक्षा मंत्री ( us defence minister ) मार्क एस्पर से एक जानकारी मांगी है। उन्होंने पूछा है कि इस बात का आकलन करें कि क्या इजरायल-यूएस बाईनेशनल इंडस्ट्रियल रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन मॉडल की ही तरह डिफेंस और महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजीज पर अमरीका-भारत के निजी क्षेत्र के सहयोग ( India-US defence cooperation ) के लिए इसे बनाया जा सकता है। प्रतिनिधि सभा की खुफिया मामलों की शक्तिशाली समिति के उपाध्यक्ष वार्नर और रिपब्लिकन व्हिप कॉर्निन इंडिया कॉकस के ज्वाइंट प्रेसिडेंट हैं।
बड़ी उलझन में घिरा इंटरपोल, ईरान की मानें या अमरीका पर कार्रवाई करे एक अन्य संशोधन में सीनेटर कॉर्निन ने रक्षा मंत्री को इस कानून के पारित होने के छह माह के भीतर भारत को अमरीका के फिफ्थ जनरेशन फाइटर जेट प्रोग्राम पर अपडेट करने के लिए भी कहा है। इस संशोधन विधेयक में पेंटागन से कांग्रेस के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए सिफारिशें की गई हैं। इसके साथ ही ब्रीफिंग में शामिल विषयों पर एक रिपोर्ट भी मांगी गई है। इसके पीछे की वजह यह बताई गई है कि भारत खुद पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट विकसित करने में जुटा हुआ है।
इतना ही नहीं दोनों सीनेटरों ने इजरायल और न्यूजीलैंड की तरह नाटो प्लस देशों की लिस्ट में भारत को शामिल करने के लिए संयुक्त रूप से एक अन्य संशोधन भी पेश किया।