इस किट का नाम कोरोश्योर रखा गया है। इसे दिल्ली-एनसीआर स्थित न्यूटेक मेडिकल डिवाइसेज द्वारा निर्मित किया गया है। यह किट बिना जांच के कोरोना वायरस के लक्षण पहचानने में सक्षम है। यह किट अधिकृत कोरोना टेस्टिंग लैब में इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी और इससे COVID-19 आरटी-पीसीआर टेस्टिंग ( RT PCR test ) की लागत काफी कम हो जाएगी। इस किट का आधार मूल्य 399 रुपये है और इसमें आरएनए आइसोलेशन और लैबोरेटरी चार्ज जोड़ने के बाद भी इसके द्वारा किया जाने वाला टेस्ट काफी कम लागत में होगा।
इस किट को लॉन्च करते हुए निशंक ने आईआईटी दिल्ली के सभी शोधकर्ताओं को बधाई दी। इसके पहले आईआईटी दिल्ली सस्ती कोरोना टेस्टिंग किट ( Covid-19 Testing Kit ) भी बना चुका है।
आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. वी रामगोपाल राव ने इस अवसर पर कहा, भारत सरकार, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, स्वास्थ मंत्रालय और आईसीएमआर से इस किट को बनाने और मैन्युफैक्चर करने में मिले सहयोग के लिए बेहद आभारी हैं। इससे प्रेरणा लेकर हम आगे भी कोरोना से संबंधित शोध जारी रखेंगे और देश के साथ-साथ विश्व को भी इस महामारी से लड़ने में मदद करेंगे।
गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक मंगलवार को भारत में कोरोना वायरस के कुल केस का आंकड़ा 9 लाख को पार कर गया है। देश में कुल रिकवर केस, एक्टिव केस की संख्या का करीब 1.8 गुना हैं। देश के 29 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना वायरस से ठीक होने वाले व्यक्तियों की तुलना एक्टिव केसों से ज्यादा है।
वहीं, 20 ऐसे राज्य हैं, जहां रिकवरी रेट देश के राष्ट्रीय औसत 63 प्रतिशत से ज्यादा है। सरकार ने कहा है कि राज्य सरकारों के साथ मिलकर उठाए गए कदमों ने कोरोना वायरस मरीजों के ठीक होने में “क्रमिक वृद्धि” में योगदान दिया है।
देश में कोरोना वायरस के कुल केस 9 लाख 6 हजार 752 हो गए हैं। जबकि इस महामारी से 23,727 लोगों ने दम तोड़ दिया है। कुल केस में रिकवर मामलों की संख्या 5 लाख 71 हजार 459 हैं, जबकि 3 लाख 11 हजार 565 एक्टिव केस हैं। इससे पहले देश में कोरोना वायरस मामले एक लाख तक पहुंचने में 110 दिन लगे थे, जबकि केवल 56 दिनों में यह नौ लाख का आंकड़ा पार कर गया है।