इन स्पेशल ट्रेनों (Special Trains) से छोटे किसानों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। क्योंकि इससे वे कम समय में ज्यादा माल की सप्लाई कर सकेंगे। साथ ही उनका माल भाड़ा भी कम लगेगा। इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेलवे के आलाधिकारी इस प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए जोनल रेलवे (Zonal Railways) से इसे बारे में फीडबैक भी मिल गया है जिससे सीजनल उत्पादों को ट्रेनों के जरिए देशभर के बाजारों में आसानी से पहुंचाया जा सके। बताया जाता है कि सबसे पहले संतरे और कीनू के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी।
दूसरे फलों और सब्जियों के लिए भी प्रस्ताव
सूत्रों के मुताबिक संतरे और कीनू के अलावा अप्रैल से जून के बीच आंध्र प्रदेश से दिल्ली के लिए आम स्पेशल (Mango Special) ट्रेन, मार्च से दिसंबर के बीच नासिक से दिल्ली के लिए प्याज स्पेशल (Onion Special), मार्च से दिसंबर के बीच जलगांव से दिल्ली के लिए केला स्पेशल (Banana Special) ट्रेन और अप्रैल से नवंबर के बीच सूरत, वलसाड़ और नवसारी से दिल्ली के बीच चीकू स्पेशल (Chikuu Special) ट्रेन चलाने का भी प्रस्ताव रखा गया है।
सूत्रों के मुताबिक संतरे और कीनू के अलावा अप्रैल से जून के बीच आंध्र प्रदेश से दिल्ली के लिए आम स्पेशल (Mango Special) ट्रेन, मार्च से दिसंबर के बीच नासिक से दिल्ली के लिए प्याज स्पेशल (Onion Special), मार्च से दिसंबर के बीच जलगांव से दिल्ली के लिए केला स्पेशल (Banana Special) ट्रेन और अप्रैल से नवंबर के बीच सूरत, वलसाड़ और नवसारी से दिल्ली के बीच चीकू स्पेशल (Chikuu Special) ट्रेन चलाने का भी प्रस्ताव रखा गया है।
सस्ती पड़ेगी ढुलाई
फलों और सब्जियों के लिए स्पेशल ट्रेनों के चलाए जाने से किसानों को ढुलाई पर खर्च कम करना पड़ेगा। रेलवे के जरिए 1,000 किलोमीटर से ज्यादा दूरी के लिए समान भेजना रोडवेज की तुलना में किफायती साबित होता है। इसमें करीब 1000 रुपए प्रति टन सस्ता पड़ता है।
फलों और सब्जियों के लिए स्पेशल ट्रेनों के चलाए जाने से किसानों को ढुलाई पर खर्च कम करना पड़ेगा। रेलवे के जरिए 1,000 किलोमीटर से ज्यादा दूरी के लिए समान भेजना रोडवेज की तुलना में किफायती साबित होता है। इसमें करीब 1000 रुपए प्रति टन सस्ता पड़ता है।