मौजपुर में तीन दिन की हिंसा के बाद बुधवार की पूरी रात यहां स्थानीय लोगों ने अपनी-अपनी गलियों के बाहर पहरा देकर गुजारी।
गलियों के बाहर पहरा देने वालों में नौजवान, अधेड़, बुजुर्ग सभी लोग शामिल रहे। मौजपुर, बाबरपुर और कबीर नगर उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
मौजपुर में अब यूं तो फिलहाल शांति है, लेकिन यहां रहने वाले स्थानीय लोगों के दिलों में हिंसा का खौफ अभी भी जस का तस है।
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यहां रहने वाले एक बुजुर्ग ने कहा “सुरक्षा बलों की मौजूदगी के बाद अब लोगों में सुरक्षा का भाव उत्पन्न हुआ है लेकिन 3 दिन तक चले तांडव के बाद हम लोग बुरी तरह डर गए हैं, यही कारण है कि अब रातों को बेफिक्र सोने की बजाय हम अपने परिवारों की सुरक्षा के लिए गली के बाहर खड़े होकर अपनी रात बिता रहे हैं।”
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मौजपुर और विजय पार्क के संवेदनशील इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। यहां हुई हिंसक झड़पों को देखते हुए लगभग हर 100 मीटर की दूरी पर सशस्त्र अर्धसैनिक बलों के जवानों को भी बड़ी संख्या में तैनात किया गया है।
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इससे पहले बीते 3 दिनों के दौरान मौजपुर, कबीर नगर, बाबरपुर, जाफराबाद और भजनपुरा समेत आसपास के इलाकों में उपद्रवियों ने खुलेआम फायरिंग की। यहां नागरिकता संशोधन कानून की मुखालफत करने के लिए धरने पर बैठे लोगों एवं नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन कर रहे लोगों के बीच तनाव का हिंसा में बदल गया। मौजपुर, कबीर नगर, बाबरपुर, जाफराबाद और भजनपुरा आदि इलाकों में हिंसा के दौरान सड़कों पर 3 दिन तक गुरिल्ला वॉर चलता रहा और इस दौरान पुलिस बेबस नजर आई। दंगाइयों ने करावल नगर में अर्धसैनिक बलों पर एसिड तक फेंका, जिसमें 2 जवान जख्मी हो गए।
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दिल्ली के हालात को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने पुलिस और गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक की है। गृह मंत्री की बैठक के बाद से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल हालात का जायजा लेने के लिए लगातार हिंसा ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं।