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फिर से देना होगा अपना स्पष्टीकरण
दिल्ली हाईकोर्ट याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। इस मामले पर हाईकोर्ट की सुनवाई कई मायनों में काफी अहम माना जा रहा है। अगर सुनवाई के लिए इस याचिका को स्वीकार कर लेता है तो सरकार को इस पूरे मामले पर फिर से अपना स्पष्टीकरण देना होगा। इसके साथ विपक्षी पार्टियां भी इस मसले का भुनाने का प्रयास कर सकती हैं। आपको बता दें कि देश की शीर्ष अदालत ने तीन तलाक पर अपना फैसला सुनाते हुए इसको असंवैधानिक करार दिया था। कोर्ट ने इसको संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन बताया था।
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कानून मुस्लिमों के लिए अस्वीकार्य
वहीं, अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने पिछले सप्ताह तीन तलाक को अपराध बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को गुरुवार को ‘लोकतंत्र की हत्या और संसद का अपमान’ करार दिया था। एआईएमपीएलबी के सचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा था कि सरकार एक ऐसे मुद्दे पर पीछे के दरवाजे से अध्यादेश लाई जो ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं था और जिस मामले में लोकतांत्रिक तरीके से और जनता की राय के माध्यम से कानून बनाया जा सकता था। रहमानी बोर्ड के प्रवक्ता भी हैं। रहमानी ने कहा था कि यह कानून मुस्लिमों के लिए अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाएं पहले ही इसे खारिज कर चुकी हैं।