कन्टेनमेंट जोन वो इलाका होता है, जहां कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस मिले हो और प्रशासन को लगता है कि वहां से और संभावित मामले सामने आ सकते हैं। ऐसे में उस इलाके को पूरी तरह सील कर दिया जाता है। इतना ही नहीं ऐसे इलाके के तीन किलोमीटर तक की रेंज की चीजें भी बंद कर दी जाती है। यहां महज प्रशासन की अनुमति से ही आ सकते हैं। इसमें एंट्री और एग्जिट पॉइंट पर पुलिस तैनात की जाती है।कन्टेनमेंट जोन में बिल्डिंग, हाऊसिंग सोसाइटी से लेकर स्लम पॉकेट और अस्पताल तक हो सकते हैं।
लोगों को कोरोना अपनी गिरफ्त में न ले सके इसके लिए आयुष मंत्रालय की ओर से जारी की गई गाइडलाइंस पर फोकस किया जाएगा। लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए उन्हें जागरुक किया जाएगा। साथ ही आरोग्य सेतु एप का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
कंटेनमेंट जोन में आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। इसलिए सरकार खुद ऐसे इलाकों में आवश्यक वस्तुओं की डिलीवरी कराएगी। अगर किसी कंटेनमेंट जोन की जनसंख्या दस हजार से ज्यादा है तो ऐसे इलाकों के लिए अगल से माइक्रो लेवल प्लान बनाया जाएगा। जिसमें सरकार के स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर और सेफ्टी प्रोटोकॉल फॉलो करवाए जाएंगे।