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एनजीटी ने दिया था सुझाव नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने जनवरी में यमुना मॉनिटरिंग कमेटी (वाईएमसी) की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था। इसने दिल्ली सरकार को डिटर्जेंट की बिक्री,भंडारण और परिवहन और मार्केटिंग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी करने का सुझाव दिया था क्योंकि ये संशोधित बीआईएस मानकों के अनुरूप नहीं है। दरअसल यमुना नदी में ऐसे उत्पाद पानी को गंदा कर रहे हैं। इनको तैयार करने में लगाए गए केमिकल पानी को प्रदूषित कर रहे हैं। यमुना में इस तरह का कूड़ा गिरने से पानी और जहरीला होता जा रहा है। यह भी पढ़ें