शुभ संकेत धीमी पड़ी कोरोना की रफ्तार: देश के 200 जिलों में कम हुए रोजाना केस, पॉजिटिविटी रेट में भी घटी
एनसीपीसी ने अनाथ हुए बच्चों की मांगी जानकारी
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसी) ने मई के पहले सप्ताह में किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 में प्रक्रिया में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर उन बच्चों का डेटा उपलब्ध कराने को कहा, जिन्होंने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है। एनसीपीसी ने स्थानीय सरकारों से डेटा साझा करने के लिए भी कहा ताकि उन बच्चों की निगरानी और मदद के लिए एक केंद्रीकृत डिजिटल डेटाबेस तैयार किया जा सके। 25 मई को, महिला और बाल विकास मंत्रालय ने भी राज्यों को तुरंत समान जानकारी साझा करने के लिए कहा। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्विटर पर लिखा कि भारत सरकार हर उस बच्चे का सहयोग एवं संरक्षण करने के लिए प्रतिबद्ध है जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है।
यह भी पढ़ें :— Patrika Positive News: स्वयंसेवी संस्थाओं ने खोला दूसरा कोविड केयर सेंटर, 24 घंटे डॉक्टर—ऑक्सीजन सहित इलाज की सभी व्यवस्थाएं
एक अप्रैल से 577 बच्चों ने माता—पिता को खोया
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यों से मिली रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि एक अप्रैल से 577 बच्चे कोरोना की दूसरी लहर में अपने माता-पिता को खो दिया। ईरानी ने कहा कि सरकार कोविड के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले हर बच्चे के संरक्षण एवं सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि भारत सरकार हर उस बच्चे का सहयोग एवं संरक्षण करने के लिए प्रतिबद्ध है जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है। राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की ओर से जानकारी दी गई है कि एक अप्रैल से 577 बच्चों के माता-पिता की कोरोना के कारण मौत हुई है।