कोरोना वैक्सीन AZD1222 ने दिखाई दुनिया को बड़ी सफलता की राह, जल्द हो सकती है घोषणा हालांकि यह किट ओवर-द-काउंटर उपलब्ध नहीं होगी। इस किट के विकास में लगे IIT दिल्ली के प्रमुख शोधकर्ता वी पेरूमल ने बताया कि इसे केवल एक प्रमाणित प्रयोगशाला में इस्तेमाल किया जा सकता है जहां COVID-19 के लिए RT-PCR टेस्टिंग ( RT PCR test ) हो रही हो। एक बार इस किट का थोक में उत्पादन शुरू होने पर इसकी मौजूदा 399 रुपये की कीमत में 20-30 प्रतिशत तक की की हो सकती है।
उन्होंने आगे बताया कि आईआईटी-दिल्ली ने अब तक 10 कंपनियों को यह तकनीक सौंपी की है, जिनमें न्यूटेक मेडिकल डिवाइसेज भी शामिल हैं। अगले 10 दिनों में केंद्रीय ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CSDCO) से दो से तीन और लाइसेंसधारियों विनिर्माण को लाइसेंस दिए जाने की उम्मीद है।
पेरुमल ने कहा कि इस डायग्नोस्टिक किट का मास प्रोडक्शन कंपनियों की समयसीमा के अनुसार होगा और न्यूटेक पहले ही अपने लक्ष्यों को रेखांकित कर चुकी है। न्यूटेक मेडिकल डिवाइसेज IIT-Delhi से लाइसेंस के तहत उत्पाद को व्यावसायिक रूप से विकसित करने वाली पहली कंपनियों में से एक है। रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी अगस्त 2020 तक 20 लाख यूनिट का उत्पादन करना चाहती है। हमने 5 राज्यों में लाइसेंस दिए हैं और टेस्टिंग सभी भारतीय राज्यों में उपलब्ध होनी चाहिए।
इस बीच एक वर्चुअल लॉन्चिंग कार्यक्रम में बोलते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ( Ramesh Pokhriyal Nishank ) ने कहा कि स्वदेशी रूप से विकसित यह किट महामारी को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है क्योंकि यह एक विश्वसनीय और सस्ता परीक्षण विकल्प प्रदान करता है।
कोरोना मरीजों के लिए आई बड़ी खुशखबरी, इस कंपनी ने भारत में लॉन्च किया दवा का जेनेरिक वर्जन उन्होंने कहा कि यह अधिकृत परीक्षण प्रयोगशालाओं और अन्य 10 कंपनियों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा न्यूटेक को आईआईटी दिल्ली द्वारा डिवाइस का उत्पादन करने के लिए लाइसेंस जारी किए गए हैं। संस्थान के निदेशक वी रामगोपाल राव ने बताया कि आईआईटी दिल्ली के शोधकर्ता पुणे में राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला (एनसीएल) के साथ मिलकर घरेलू इस्तेमाल के लिए तुरंत नतीजे देने में सक्षम एक और उपयुक्त परीक्षण किट तैयार कर रहे हैं।