Coronavirus Survivors: भारत में 100+ उम्र का हौसला दमदार, मुख्तार-मनगम्मा और हल्लम्मा का कमाल
आंध्र प्रदेश के तिरुपति की 101 वर्षीय ( Centenarian recovers from coronavirus ) मनगम्मा कोरोना से लड़कर हुईं डिस्चार्ज ( hospital discharge patient )।
कर्नाटक में बेल्लारी जिले 100 वर्षीय हल्लम्मा भी कोरोना को मात ( coronavirus survivors ) दे चुकी हैं।
दिल्ली में नवाबगंज निवासी 106 वर्षीय मुख्तार अहमद ( recovered from coronavirus ) सबसे उम्रदराज कोरोना वीर ( COVID-19 Survivors In Hindi )।
नई दिल्ली। फानूस बनकर जिसकी हिफाजत हवा करे, वो शमा क्या बुझे जिसे रौशन खुदा करे… कहने को तो ये पंक्ति खुद में ही पूरी कहानी बयां करने के लिए काफी है, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के दौर में जहां हर आयुवर्ग के लोग इसका शिकार हो रहे हैं, भारत के तीन ऐसे पूरा शतक जीने वाले ( Centenarian recovers from coronavirus ) बुजुर्ग हैं जिन्होंने इस बीमारी को अपने हौसले से मात दी। इनमें सबसे पहले नाम आता है 106 वर्षीय दिल्ली के मुख्तार अहमद का और फिर दूसरे पर 100 वर्षीय हल्लम्मा और तीसरे पर 101 साल की मनगम्मा का।
कोरोना से जंग जीतकर वापस लौटे दिल्ली के 106 साल के बुजुर्ग ने इलाज को लेकर कही बड़ी बात यों तो स्वास्थ्य विशेषज्ञों की ओर से कोरोना वायरस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वालों में 10 वर्ष से नीचे और 60 वर्ष से ज्यादा आयुवर्ग के लोगों को बताया गया है। लेकिन 60 वर्ष से बहुत ज्यादा यानी 100 वर्ष से ऊपर के तीन ऐसे बुजुर्ग हैं जिनके कोरोना से जीतने ( coronavirus survivors ) के मामले मीडिया के सामने आ चुके हैं, जबकि तमाम ऐसे भी हो सकते हैं जो अभी तक सामने ना आए हों।
100 वर्ष से ज्यादा उम्र में कोरोना से मात देने का ताजा मामला आंध्र प्रदेश के तिरुपति से सामने आया है। यहां की 101 वर्षीय मनगम्मा पहले कोरोना पॉजिटिव पाई गईं, जिसके बाद उनका इलाज किया गया और अब वह राज्य के श्री वेंकटेश्वरा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के COVID-19 अस्पताल श्री पद्मावती महिला अस्पताल से डिस्चार्ज ( hospital discharge patient ) होकर बाहर आ गई हैं।
Covaxin: स्वदेशी कोरोना वैक्सीन के पहले ह्यूमन ट्रायल से जागीं उम्मीदें, आज एम्स में हुआ परीक्षण इस संबंध में अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राम ने बताया कि शनिवार 25 जुलाई को मनगम्मा को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। कुछ दिन पहले ही उन्हें कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया गया था और फिर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया गया। अस्पताल के चिकित्सकों, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और सफाई कर्मियों ने उन्हें सबसे बेहतर इलाज ( Coronavirus treatment ) और सेवाएं दी, जिसके बाद वह स्वस्थ हो गई हैं।
उन्होंने आगे कहा कि जिन लोगों को कोरोना के चलते जीवन का खतरा लगता है, मनगम्मा उनके लिए एक बड़ा उदाहरण हैं। 101 वर्ष की उम्र में मनगम्मा मजबूती और आत्मविश्वास से लबरेज हैं और इलाज के दौरान पूरी तरह से साथ दिया।
Coronavirus की रोकथाम के लिए Delhi Model की तारीफ, अन्य राज्यों में किया जाएगा लागू वहीं, इससे पहले कर्नाटक में 100 वर्षीय हल्लम्मा नाम महिला भी कोरोना को मात ( recovered from coronavirus ) दे चुकी हैं। शुक्रवार को बेल्लारी जिले के हुविना हडगली कस्बे की रहने वाली हल्लम्मा ने दावा किया कि वह अब कोरोना वायरस महामारी से जूझकर बाहर निकल आई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि डॉक्टरों ने उनका अच्छे से इलाज किया और अब वह स्वस्थ्य हैं। उनके बेटे को भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया था।
इससे पहले दिल्ली के नवाबगंज निवासी 106 वर्षीय मुख्तार अहमद कोरोना से जंग जीतने वाले ( COVID-19 Survivors In Hindi ) देश के सबसे उम्रदराज व्यक्ति बन चुके हैं। परिवार द्वारा किए गए दावे के मुताबिक महज चार वर्ष की उम्र में 1918 में स्पेनिश फ्लू का सामना कर चुके मुख्तार अहमद की उम्र 106 वर्ष है। इन्हें बीते 14 अप्रैल को दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मुख्तार में कोरोना वायरस संक्रमण उनके बेटे के जरिये पहुंचने की बात कही गई थी।
कोरोना से ज्यादा खतरनाक बीमारी पर ‘सरकार’ का नहीं ध्यान, हर साल 4.5 लाख की होती है मौत कोरोना वायरस से सफलतापूर्वक जूझने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और बीते 1 मई को वह वापस घर लौट आए थे। जिस वक्त उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, उनके बेटे का इलाज चल रहा था। बुजुर्ग को सलाह दी गई थी कि वह अपने परिवार से सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें।
मुख्तार अहमद अपने परिवार के साथ खुशी-खुशी रह रहे हैं और उन्होंने मीडिया को बताया, “मुझे उम्मीद नहीं थी कि जीवित बचूंगा, लेकिन उचित इलाज मिलने के बाद मैं ठीक हो गया। मैंने अपने जीवन में कभी इस तरह की महामारी नहीं देखी।”