विविध भारत

191 देशों का डेटा विश्लेषण..जलवायु परिवर्तन से छह माह घट सकती है उम्र

यदि पृथ्वी के औसत तापमान में एक डिग्री सेल्सियस वृद्धि होती है तो जीवन प्रत्याशा में लगभग एक सप्ताह से छह माह तक की कमी हो सकती है।

Jan 21, 2024 / 12:55 am

pushpesh

191 देशों का डेटा विश्लेषण..जलवायु परिवर्तन से छह माह घट सकती है उम्र

नई दिल्ली. जलवायु परिवर्तन से मानव जीवन की औसत आयु छह माह तक कम हो सकती है। वर्ष 1940 से 2020 तक 191 देशों के तापमान, वर्षा और मानव जीवन की प्रत्याशा के डेटा के विश्लेषण से यह निष्कर्ष सामने आए हैं। विज्ञान पत्रिका पीएलओएस क्लाइमेट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने अपनी तरह का यह पहला समग्र जलवायु परिवर्तन सूचकांक तैयार किया है। यह जलवायु परिवर्तन की व्यापक गंभीरता को दर्शाता है। शोध के नतीजे बताते हैं कि यदि पृथ्वी के औसत तापमान में एक डिग्री सेल्सियस वृद्धि होती है तो जीवन प्रत्याशा में लगभग एक सप्ताह से छह माह तक की कमी हो सकती है। अमरीका में न्यू स्कूल फॉर सोशल रिसर्च और बांग्लादेश में शाहजलाल यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के शोधार्थी अमित रॉय ने बताया, जलवायु परिवर्तन से अरबों लोगों को खतरा पैदा हो गया है। अध्ययन इस बात पर जोर देता है कि जीवन प्रत्याशा के बचाव के लिए ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रयास जरूरी हैं।
कहां, कितनी जीवन प्रत्याशा :
भारत की जीवन प्रत्याशा वर्ष 2023 में औसतन 70.42 वर्ष थी, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 0.33 फीसदी ज्यादा रही। विश्व में जीवन प्रत्याशा 72.27 वर्ष है, जबकि जापान में यह 84.62 और अमरीका में 77.28 वर्ष है।

Hindi News / Miscellenous India / 191 देशों का डेटा विश्लेषण..जलवायु परिवर्तन से छह माह घट सकती है उम्र

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.