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लोजपा में पारस गुट के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव आज, चुनाव प्रक्रिया के जगह को लेकर शुरू हुआ विवाद
पार्टी के विभाजन को लेकर चिराग ने काफी तल्ख तेवर दिखाए। उन्होंने कहा कि वे ही पार्टी के अध्यक्ष है। संविधान का हवाला देकर उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर पुशपति पारस को लोजपा का नेता नियुक्त करने के फैसले पर विचार करने की अपील की गई है। वहीं पार्टी संविधान का हवाला देकर उन्होंने चाचा के फैसलों का खारिज कर दिया है। यह लड़ाई लंबी होगी लोजपा के संविधान और खुद को पार्टी अध्यक्ष बनाए रखने को लेकर कानून विशेषज्ञों से राय के बाद चिराग का कहना है कि यह लड़ाई लंबी होगी। उनके अनुसार लोकसभा या विधानसभा में नेता का चुनाव पार्टी संविधान के अनुरूप संसदीय बोर्ड या पार्टी अध्यक्ष करेंगे। उनका कहना है कि पार्टी पर कब्जे को लेकर चाचा पारस पूरी ताकत लगाने वाले हैं। इसलिए वह खुद को तैयार करने में लगे हुए हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष केवल दो परिस्थिति में हटाया जा सकता है पार्टी से निकाले जाने को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पार्टी संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष केवल दो परिस्थिति में हटाया जा सकता है। पहला उसकी मृत्यु हो जाती है या इस्तीफा देता है। चाचा पशुपति पारस को लेकर चिराग ने कहा कि अगर वे उनसे कहते तो वह खुद उन्हें संसदीय दल का नेता बना देते।
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