उनका कहना था कि यह ग्लोबल ट्रेंड है कि ठंड में डिमांड बढ़ जाती है। हर साल नवंबर, दिसंबर, जनवरी और फरवरी में एलपीजी के दाम बढ़ते हैं। उन्होंने दावा किया कि सर्दी कम होने पर धीरे-धीरे डिमांड घटेगी तो उसका असर कीमतों पर भी पड़ेगा और दाम घटेंगे। उनका कहना था कि ये केवल इस साल की बात नहीं है। 2020 में देखें, 2019 में और उसके पहले देखिये हर बार सर्दी में उर्जा की खपत ज्यादा होती है। खासतौर से घरेलू उर्जा में। ठंड में गर्म पानी ज्यादा लगता है और गैस की खपत भी होती है। उस समय डिमांड बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि हम तेल उत्पादक देश नहीं हैं। हमें अपनी जरूरत का 85 प्रतिशत आयात करना पड़ता है। इन दिनों तेल उत्पादक देशों ने उत्पादन कम कर दिया है। हम उन्हें उत्पादन बढ़ाने के लिये समझा रहे हैं।
बताते चलें कि शुक्रवार को पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान अपने दो दिन के दौरे पर वाराणसी पहुंचे। शुक्रवार को वह वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचे। उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर, काल भैरव मंदिर में दर्शन-पूजन किया और मिर्जापुर के लिये रवाना हो गए। विंध्याचल में उन्होंने मां विंध्यवासिनी मंदिर में मत्था टेका और वापस वाराणसी पहुंचकर शाम को गंगा आरती भी देखी। वह शनिवार को संत रविदास जयंती के मौके पर वाराणसी के सीरगोर्वधनपुर स्थित संत रविदास मंदि में भी मत्था टेकेंगें। इसके बाद वो खिड़किया घाट जाकर सीएनजी गैस परियोजनाओं का निरीक्षण करेंगे। दोपहर में सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ बैठक होगी और उसके बाद वो दिल्ली के लिये रवाना हो जाएंगे।
By Suresh Singh