मेरठ

गन्ने की मिठास के बीच सुगंध बिखेर रही बासमती, किसान खुद उपजा रहे बीज

मेरठ और आसपास के करीब 18 जिलों को मिलाकर पश्चिमी उप्र बनता है। इस पश्चिमी उप्र में गन्ने की खेती को प्रमुख फसल माना गया है। गन्ने और गुड की मिठास के बीच अब यहां का किसान बासमती चावल की खेती कर उसकी सुगंध बिखेर रहे हैं। मोदीपुरम स्थित बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान आसपास के किसानों को बासमती की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के साथ ही उनको बासमती की खेती की वैज्ञानिक विधि भी बता रहा है।

मेरठMay 19, 2022 / 03:35 pm

Kamta Tripathi

गन्ने की मिठास के बीच सुगंध बिखेर रही बासमती,किसान खुद उपजा रहे बीज

मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल के जिलों में अब चावल की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इसका श्रेय मेरठ में स्थित बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान को जाता है। गन्ने की बेल्ट में गुड और चीनी की मिठास के बीच इन इलाकों में अब बासमती की खेती से किसान मालामाल हो रहे हैं। इतना ही नहीं किसान खुद भी उन्नत किस्म की बासमती के बीज खुद ही उत्पन्न कर रहे हैं। पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ में अब यहां के प्रगतिशील किसान बासमती की चमक बिखेर रहे हैं। वह खुद बासमती का उन्नत बीज उपजाकर कर इसे अन्य किसानों को भी उपलब्ध करा रहे हैं। मेरठ के गांव कुशावली के रहने वाले किसान विनोद सहित और भी ऐसे कई किसान हैं जिन्होंने खुद की प्रोसेसिंग यूनिट लगाई है। ये किसान उत्पादक संघ (एफपीओ) के अंतर्गत प्रदेश के अलावा अलावा हरियाणा, पंजाब व उत्तराखंड के किसानों को बीज की जानकारी देने के साथ धान की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।

प्रगतिशील किसान विनोद ने अपने गांव में ही प्रोसेसिंग यूनिट लगाई है। जहां पर दूरदराज से किसान बासमती की विभिन्न प्रजातियों की जानकारी लेने पहुंचते हैं। यहीं पर उन्होंने बड़ा वेयरहाउस बना रखा है। खेती-किसानी में सराहनीय कार्य के लिए मुख्यमंत्री ने उन्हें लखनऊ में सम्मानित किया था। वह अभी तक 500 कुंतल बीज तैयार कर किसानों को उपलब्ध करा चुके हैं। वह मुख्य रूप से पूसा बासमती 1121, पूसा बासमती 1118, पूसा बासमती 1509, पूसा बासमती 1401, पूसा बासमती 1 व पूसा बासमती 1637 आदि किस्मों के प्रोत्साहन पर जोर दे रहे हैं।
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विनोद सैनी ने बीज तैयार करने का उल्लेखनीय कार्य किया है। वह देश के पहले किसान हैं, जिन्होंने किसानों को बासमती के डीएनए टेस्टेड बीज उपलब्ध कराने का संकल्प लिया। उनकी इस लगन को देखते हुए प्रतिष्ठान ने उन्हें बीज उत्पादन का प्रशिक्षण दिया। विनोद ने अपने खेत में बीज तैयार किया। बासमती के बीज के कारण विनोद सैनी की देशभर में पहचान बन चुकी है। विनोद सैनी का लक्ष्य है कि उनके ब्लाक व तहसील से बासमती चावल का निर्यात हो। वह दूरदराज के किसानों को इसका तकनीकी प्रशिक्षण भी दे रहे हैं।

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