प्रगतिशील किसान विनोद ने अपने गांव में ही प्रोसेसिंग यूनिट लगाई है। जहां पर दूरदराज से किसान बासमती की विभिन्न प्रजातियों की जानकारी लेने पहुंचते हैं। यहीं पर उन्होंने बड़ा वेयरहाउस बना रखा है। खेती-किसानी में सराहनीय कार्य के लिए मुख्यमंत्री ने उन्हें लखनऊ में सम्मानित किया था। वह अभी तक 500 कुंतल बीज तैयार कर किसानों को उपलब्ध करा चुके हैं। वह मुख्य रूप से पूसा बासमती 1121, पूसा बासमती 1118, पूसा बासमती 1509, पूसा बासमती 1401, पूसा बासमती 1 व पूसा बासमती 1637 आदि किस्मों के प्रोत्साहन पर जोर दे रहे हैं।
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विनोद सैनी ने बीज तैयार करने का उल्लेखनीय कार्य किया है। वह देश के पहले किसान हैं, जिन्होंने किसानों को बासमती के डीएनए टेस्टेड बीज उपलब्ध कराने का संकल्प लिया। उनकी इस लगन को देखते हुए प्रतिष्ठान ने उन्हें बीज उत्पादन का प्रशिक्षण दिया। विनोद ने अपने खेत में बीज तैयार किया। बासमती के बीज के कारण विनोद सैनी की देशभर में पहचान बन चुकी है। विनोद सैनी का लक्ष्य है कि उनके ब्लाक व तहसील से बासमती चावल का निर्यात हो। वह दूरदराज के किसानों को इसका तकनीकी प्रशिक्षण भी दे रहे हैं।
विनोद सैनी ने बीज तैयार करने का उल्लेखनीय कार्य किया है। वह देश के पहले किसान हैं, जिन्होंने किसानों को बासमती के डीएनए टेस्टेड बीज उपलब्ध कराने का संकल्प लिया। उनकी इस लगन को देखते हुए प्रतिष्ठान ने उन्हें बीज उत्पादन का प्रशिक्षण दिया। विनोद ने अपने खेत में बीज तैयार किया। बासमती के बीज के कारण विनोद सैनी की देशभर में पहचान बन चुकी है। विनोद सैनी का लक्ष्य है कि उनके ब्लाक व तहसील से बासमती चावल का निर्यात हो। वह दूरदराज के किसानों को इसका तकनीकी प्रशिक्षण भी दे रहे हैं।