मेरठ

‘बंगला’ मिलने पर शिवपाल को भाजपा का रिमोट कंट्रोल बताया तो किसी ने सत्ता पार्टी का एजेंट, जानिए आैर क्या-क्या कहा!

विपक्ष के नेताआें ने शिवपाल पर अपना गुस्सा उतारा तो कुछ सुझाव भी सुझाए

मेरठOct 13, 2018 / 02:56 pm

sanjay sharma

शिवपाल को ‘बंगला’ मिलने पर भाजपा का रिमोट कंट्रोल बताया तो किसी ने सत्ता पार्टी का एजेंट, जानिए आैर क्या-क्या कहा!

मेरठ। समाजवादी पार्टी से पूर्व मंत्री रहे और समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के मुखिया शिवपाल यादव को लखनऊ के लुटियन जोन में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का आलीशान बंगला आवंटित करने से राजनैतिक हलकों में बेचैनी बढ़ गई है। बंगला आवंटन होने के बाद प्रदेश की सियासत में भी गुणा-भाग लगने लगा है। राजनैतिक दलों ने भाजपा सरकार की इस मंशा के पीछे उसका चुनावी लाभ लेना बताया है। जानकारों की मानें तो आम चुनाव में जितना पेचीदा मतदान उत्तर प्रदेश का होगा। किसी अन्य राज्य में उतनी मारामारी नहीं रहेगी। विपक्षियों के एक होने पर इसका सर्वाधिक असर भाजपा पर पड़ेगा और भाजपा ऐसा नहीं होने देना चाहेगी कि विपक्ष एक हो। सपा से किनारा करने वाले शिवपाल के दूसरी पार्टी बनाए जाने से सर्वाधिक राजनैतिक लाभ भाजपा को मिल सकता है। ऐसा राजनीति के जानकारों का मानना है। रालोद के महासचिव और प्रदेश के पूर्व सिचाई मंत्री डा. मैराजुद्दीन के अनुसार शिवपाल भाजपा के हाथों का रिमोट है। भाजपा जैसे चाहेगी शिवपाल वैसी राजनीति करेंगे। उन्होंने कहा कि जब बंगला किसी और आवंटित करना था तो उसे सरकार ने खाली ही क्यों कराया। यह सरासर राजनीति द्वेष है। भाजपा जैसी पार्टी से ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती थी, लेकिन वह अब सत्ता में हैं और इस समय अपने सभी सिद्धांत सरकारी खूंटी पर टांग दिए हैं।
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‘विपक्ष को सीट के बंटवारे में नहीं पड़ना चाहिए’

कांग्रेस के पूर्व विधायक और एआईसीसी के सदस्य पंडित जयनारायण शर्मा का कहना है कि ये समय किसी को क्या मिला या भाजपा ने किसी को कितना लाभ पहुंचाया इसका नहीं है। सभी विपक्षी दलों को एक होकर चुनाव लड़ना चाहिए। सीटों के बंटवारे को भी अधिक अहमियत नहीं देनी चाहिए। अगर विपक्ष अपने स्वार्थ में अंधा हुआ तो फिर से भाजपा सरकार बनाने में कामयाब हो जाएगी। जो कि देश और जनता के लिए बहुत गलत रहेगा। उन्होंने कहा कि इस समय सभी दलों को देश और जनता के हित की बात सोचनी चाहिए।
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भतीजा अंसल में, चचा को लुटियन जोन में बंगला

राजनीतिक विश्लेषण के मुताबिक, अखिलेश यादव अंसल में रह रहे है। सूत्रों के अनुसार प्राधिकरण ने उनके मकान का नक्शा भी स्वीकृत नहीं किया। अखिलेश और चाचा शिवपाल में तनातनी की खबरें पिछले पांच साल से सामने आती रही है, लेकिन अब चचा का लखनऊ के लुटियन जोन में बंगला दिए जाने से भतीजा और बसपा सुप्रीमो की राजनैतिक खीज बाहर नहीं निकल रही है।
‘शिवपाल को कोर्इ फायदा नहीं मिलने वाला’

बसपा के एमएससी और मप्र के चुनाव प्रभारी अतर सिंह राव के अनुसार बीजेपी यह पूरी तरह से जानती है कि अगर शिवपाल 2019 के चुनाव में एटा, इटावा, मैनपुरी और पूर्वांचल के कुछ जिले में सपा के वोट बैंक में सेंधमारी कर सकते है। जिसका सीधा फायदा बीजेपी को होगा। कुल मिलकर बीजेपी ने शिवपाल यादव को चुनाव के लिए हायर किया है। जिसकी उपयोगिता महज चुनाव तक की सीमित रहेगी, नतीजा कुछ भी आए लोकसभा चुनाव के बाद शिवपाल यादव को कुछ फायदा होने वाला नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बहन जी से बंगला खाली करवाकर भाजपा ने दलित विरोधी होने का सबूत दिया है।

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