दरअसल, यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाहनों पर जातिसूचक शब्दों को लेकर हाल में सख्त निर्देश दिए हैं। इसके बाद अब यूपी परिवहन विभाग और यातायात पुलिस ने जातिसूचक शब्द लिखे वाहनों पर कार्रवाई की तैयारी शुरु की है। भारत सरकार की ओर से प्रदेश सरकार को साल 2020 में कार्रवाई के लिए पत्र भेजा गया था।
इसके बाद दिसंबर 2020 में परिवहन विभाग के अपर परिवहन आयुक्त (प्रशासन) ने प्रवर्तन अधिकारियों के लिए एक आदेश जारी कर कार्रवाई के लिए कहा था। लेकिन इसी बीच पूरी कार्रवाई सुस्त हो गई और फिर से वाहनों पर जातिसूचक शब्द लिखने का प्रयोग बढ़ गया। अधिकारी बताते हैं कि मोटर वाहन अधिनियम के मुताबिक नंबर प्लेट पर नंबर के अलावा कुछ नहीं लिखा जा सकता। अगर वाहन स्वामी ऐसा करते हैं तो फिर चालान की कार्रवाई की जाती है।