यह भी पढ़ेंः Krishna Janmashtami 2019: कालसर्प दोष खत्म करने के लिए इस जन्माष्टमी पर करें ये काम, इससे बेहतर उपाय कोई नहीं डेरी संचालकों ने मोहलत मांगी आदेश मिलने के बाद डेरी संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है। जिसको लेकर डेरी संचालक परेशान हैं। गुरुवार को कैंट बोर्ड के अधिकांश डेरी संचालक कैंट बोर्ड पहुंचे और उपाध्यक्ष से डेरी हटाने के लिए कुछ दिन की और मोहलत मांगी, लेकिन मोहलत देने से इंकार कर दिया गया। डेरी संचालक पप्पू यादव ने कहा कि उनकी और उनके साथ आए लोगों की दूध की डेयरी है। उन्होंने कहा कि हम बाहर चले जाएंगे हमको कोई आपत्ति नहीं है। उनको जमीन तो आवंटित की जाए। उनका कहना है कि केस भी हाईकोर्ट में चल रहा है। इसके बाद भी हमको परेशान किया जाता है।
यह भी पढ़ेंः इन पेट्रोल पंपों पर गाड़ियों में डाला जा रहा था ऐसा तेल कि अन्य राज्यों में भी मच गई खलबली, जानें पूरा मामला 50 हजार रुपये गाय की आधी कीमत उन्होंने कहा कि हम हिन्दू लोग हैं। बुढापे में इन गायों को लेकर हम कहां जाएं। योगी जी कहते हैं गायों का पालो और कैंट बोर्ड पाली हुई गायों को बेघर करने की बात करता है। उन्होंने कहा कि हम लोगों के पास 20 से 25 गाय हैं। हम गाय देने के लिए तैयार हैं। हमको नहीं चाहिए 50 हजार रुपये। कोई हमसे 25 हजार रुपये में गाय खरीद ले। हम देेने के लिए तैयार हैं।