यह भी पढ़ेंः Ground Report: कोरोना के कारण खेल कारोबार को रोजाना करोड़ों का झटका, उबरने में ही लग जाएंगे कई महीने बता दें कि इस बार शब-ए-बारात 8-9 अप्रैल की रात है। इस्लामी कैलेंडर में इस रात को पवित्र माना जाता है। इस मौके पर लोग मस्जिदों में इबादत करते हैं और अपने दिवंगत परिजन और रिश्तेदारों के लिए दुआ मांगने कब्रिस्तान जाते हैं। शहर कारी शफीकुर्रहमान की तरफ से भी यही अपील जारी की गई है। कई दूसरे संगठनों ने भी अपील का समर्थन किया है। शफीकुर्रहमान ने एक बयान में कहा कि कोरोना वायरस महामारी का रूप ले चुका है और भारत में काफी लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। इसको देखते हुए मस्जिदों में रोजाना और जुमे की नमाज बंद हो गई है।
यह भी पढ़ेंः Lockdown के दौरान छत पर कपड़े सुखाने गई युवती से पड़ोसी ने की छेड़छाड़, विरोध करने पर धारदार हथियार से हमला उन्होंने कहा कि हम सभी मुसलमानों से अपील करते हैं कि वे शब-ए-बारात पर घर पर ही रहकर इबादत करें। वे दुआ के लिए कब्रिस्तान नहीं जाएं और घर पर रहकर ही दुआ करें।उन्होंने कहा कि 9 अप्रैल को शब-ए-बरात के दौरान कोई भी मस्जिद में जाकर सामूहिक प्रार्थना न करे। साथ ही पूरे प्रदेश में लोगों के दरगाह या कब्रिस्तान जाने का कार्यक्रम भी रद्द रहेगा। इस दौरान पुलिस और प्रशासन ने भी लोगों से अपील की है कि वे घरों पर ही रहकर पर्व को मनाएं। अगर कोई कानून तोड़ता है या प्रशासन का कहना नहीं मानता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।