यह भी पढ़ेंः बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ ऊर्जा मंत्री ने दिए एेसे आदेश, अब तक किसी ने नहीं दिए कुंडली में मांगलिक दोष होता है यह पंडित शास्त्री के अनुसार जब किसी कुण्डली में जब प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम अथवा द्वादश भाव में मंगल होता है तब मंगलिक दोष लगता है। इस दोष को विवाह के लिए अशुभ माना जाता है। खासकर स्त्रियों के लिए। यह दोष जिन लोगों की कुण्डली में हो, उन्हें मंगली जीवनसाथी ही तलाश करना चाहिए ऐसी मान्यता है।
यह भी पढ़ेंः यहां की मंडियों से गायब हो रही सब्जी, लोगों की जेब पर इस तरह भारी पड़ रही 28 की आयु में विवाह पर नहीं मांगलिक दोष पंडित ओम प्रकाश शास्त्री कहते हैं कि कुंडली में मांगलिक दोष है, वे अगर 28 वर्ष के पश्चात विवाह करते हैं, तब मंगल वैवाहिक जीवन में अपना दुष्प्रभाव नहीं डालता है। शादी से पहले अक्सर लोग होने वाले वर-वधू की कुंडली मिलवाते हैं। यदि किसी की कुंडली में मंगल दोष निकल आता है तो घबराने की जरुरत नहीं क्योंकि ज्यतिषी उपाय से सभी प्रकार के मंगल दोष को दूर किया जा सकता है। किसी अनुभवी ज्योतिषी से चर्चा करके ही मंगल दोष निवारण पूजन करना चाहिए।
स्त्री चुनरी मंगल तो पुरूष पगड़ी मंगल पंडित शास्त्री के अनुसार चंद्र लग्न से मंगल की यही स्थिति चंद्र मांगलिक कहलाती है। यदि दोनों ही स्थितियों से मांगलिक हो तो बोलचाल की भाषा में इसे डबल मांगलिक और केवल चंद्र मांगलिक हो तो उसे आंशिक मांगलिक भी कहते हैं।मांगलिक पुरुष जातक की कुंडली में मंगल की यह स्थिति हो तो वह पगड़ी मंगल (पाग मंगली) और स्त्री जातक की चुनरी मंगल वाली कुंडली कहलाती है। कुंडली में जब प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम अथवा द्वादश भाव में मंगल होता है तब मंगलिक दोष लगता है। इस दोष को विवाह के लिए अशुभ माना जाता है।
यह भी पढ़ेंः यूपी में यह दूसरा प्राधिकरण होगा, जो लोगों को ये सुविधा उपलब्ध कराएगा ये उपाय दूर करेंगे मांगलिक दोष मंगली व्यक्ति इन उपायों पर गौर करें तो मांगलिक दोष को लेकर मन में बैठा भय दूर हो जाता है। इसके बाद वैवाहिक जीवन में मंगल का भय भी नहीं रहता। पंडित शास्त्री ने बताया कि अगर विधि विधान से पीपल विवाह, कुंभ विवाह, सालिगराम विवाह तथा मंगल यंत्र का पूजन आदि कराके कन्या का संबंध अच्छे ग्रह योग वाले वर के साथ करें, तो मंगल दोष का प्रभाव हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है। मंगल यंत्र विशेष परिस्थिति में ही प्रयोग करें। देरी से विवाह, संतान उत्पन्न की समस्या, तलाक, दाम्पत्य सुख में कमी एवं कोर्ट केस इत्यादि में ही इसे प्रयोग करें। छोटे कार्य के लिए नहीं। मंगल की पूजा का अंगारेश्वर महादेव, उज्जैन (मध्यप्रदेश) का विशेष महत्व है।