मेरठ

Krishna Janmashtami 2019: कालसर्प दोष खत्म करने के लिए इस जन्माष्टमी पर करें ये काम, इससे बेहतर उपाय कोई नहीं

खास बातें

कृष्ण जन्म के समय कालसर्प योग था विराजमान
सवा पांच हजार वर्ष पूर्व कृष्ण जन्म का योग बन रहा
23 अगस्त की मध्यरात्रि जन्माष्टमी पर बनेगा यह योग

मेरठAug 22, 2019 / 05:06 pm

sanjay sharma

मेरठ। अगर आपकी कुंडली में भी कालसर्प दोष विराजमान है तो इस जन्माष्टमी पर किया गया ये उपाय आपके ऊपर से कालसर्प दोष को काफी हद तक उतार देगा। लगभग सवा पांच हजार वर्ष पूर्व भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी व्यापनी अर्धरात्रि मे 12 बजकर 12 मिनट पर हुआ था कृष्ण का जन्म। उस समय चन्द्रमा अपनी उच्च की वृष राशि और रोहिणी नक्षत्र में थे। समय लग्न भी वृष था तथा सूर्य अपनी स्वयं की सिंह राशि पर तथा शनिदेव अपनी उच्च की तुला राशि पर थे तथा कृष्ण जन्म के समय कालसर्प योग विराजमान था।
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23 अगस्त की मध्यरात्रि को योग

इस वर्ष भी लगभग यही योग 23 अगस्त की मध्य रात्रि 12 बजकर 12 मिनट पर पड़ रहे हैं। श्रीकृष्ण कालिया नाग को मथने वाले तथा महाविष्णु रूप मे शेषनाग की शैया पर योग निद्रा करने वाले, समुद्र मंथन मे वासुकी नाग के रूप में अपनी घूर्णन ऊर्जा को प्रकट करने वाले, पूरे ब्रह्मांड की गुरूत्वाकर्षण शक्ति को नाग शक्ति के रूप मे प्रकट करने वाले परमात्मा कृष्ण ही हैं। उनके माथे पर मोर मुकुट का ध्यान कर लेना ही कालसर्प दोष के प्रभाव को कम कर देता है।
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सिर पर सात बार घुमाएं मोर पंख

भगवान कृष्ण का जन्म स्वयं कालसर्प योग मे हुआ तथा इस वर्ष भी कृष्ण जन्माष्टमी कालसर्प योग मे ही प्रकट हो रही है। इसलिए कालसर्प योग को शिथिल करने का महत्वपूर्ण अवसर है यह जन्माष्टमी। मोर पंख अपने सिर के आसपास रखें अथवा सिर पर सात बार घुमाकर ऊपर से नीचे ये लगातार आठ बार प्रक्रिया दोहराने से 144 प्रकार के जहरीले कालसर्प योग का असर कम होता है। इस जन्माष्टमी पर यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो ये उपाय आपके लिए उत्तम होगा।

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