यह भी पढ़ेंः भाजपा राज में तलाक को लेकर सामने आया यह अनोखा केस, अब भटकने को मजबूर यह भी पढ़ेंः दुष्कर्म के आरोपी दो भाइयों को पकड़ने गर्इ पुलिस की एेसी हुर्इ फजीहत, मामला जानकर हैरान रह जाएंगे ‘निपह’ वायरस का खतरा केरल में फैले ‘निपह’ वायरस की दहशत मेरठ में भी दिखाई देने लगी है। वरिष्ठ फीजिशियन डा. राजीव गुप्ता ने बताया कि हालांकि ‘निपह’ वायरस का मेरठ से कोई संबंध नहीं है, लेकिन यह वायरस केरल गए लोगों के साथ यहां पर टूरिस्ट के रूप में आ सकता है, इसलिए सावधानी बरतनी जरूरी है।
यह भी पढ़ेंः यहां भजन संध्या आैर देवी-देवताआें के अपमान पर हिन्दू संगठनों में उबाल, कर डाला यह काम यह भी पढ़ेंः अखिलेश के सिपाहियों ने कैराना में डेरा डाला, भाजपा पर दिया बड़ा बयान क्या है निपाह केरल में ‘निपह’ वायरस से 16 मौतें हो चुकी हैं। यह सुनकर सबके मन में डर बैठ गया है, जबकि डरने के बजाए अगर थोड़ी सी सावधानी रखी जाए तो इससे आसानी से बचा जा सकता है। डा. वेद प्रकाश के अनुसार लोगों को इससे घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि सावधानी बरतने की जरूरत है। उनके अुनसार फौरी तौर पर इस बीमारी से बचने के लिए यह आवश्यक है कि केरल की तरफ से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाए और यदि किसी यात्री में इस बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं तो उससे आइसोलेट करके यानी अलग वार्ड में इलाज किया जा सकता है।
तटीय इलाके से शुरू होती है बीमारी बीमारी की शुरुआत ज्यादातर समुद्र तटीय इलाकों से हुई है। इसी क्रम में केरल में इस का प्रकोप सामने आया है। आपको बता दें ‘निपह’ वायरस मुख्य रूप से फ्रूट बैट यानी फल खाने वाली चमगादड़ से फैलता है। उन्होंने बताया अभी तक उत्तर प्रदेश में इसका कोई केस नहीं सुनाई पड़ा है और अगर सतर्कता बरती जाती है तो कोई केस होगा भी नहीं।