यह भी पढ़ेंः नवरात्रि पर बिजली-पानी गुल होने से अखिलेश सरकार को याद कर रहे यूपी के इस शहर के लोग भाजपा के लिए यह बिरादरी बनी चुनौती आम चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा के सामने जातिगत समीकरण साधना चुनौती बन गया है। एक तरफ जहां छिटके जाट वर्ग को जोड़ने की कोशिश की जा रही है वहीं गुर्जर बिरादरी ने भी नाराजगी जता दी है। बताते चलें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की करीब 40 विधानसभा सीटों पर गुर्जर चुनाव को सीधे प्रभावित करते हैं। गुर्जरों के इस रूख से भाजपा की बेचैनी बढ़ रही है।
यह भी पढ़ेंः योगी राज में लोगों ने फिर धर्म परिवर्तन की दी चेतावनी, इस बार जिस समुदाय ने एेसा कहा, चौंकेंगे आप! विधान सभा में कोर्इ प्रतिनिधि मंत्री नहीं पश्चिम उप्र से यूपी विधानसभा में भाजपा से पांच विधायक गुर्जर बिरादरी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इनमें गुर्जर बिरादरी के नेता कहे जाने वाले अवतार सिंह भड़ाना, डॉ. सोमेंद्र तोमर, तेजपाल नागर, प्रदीप चैधरी और नंदकिशोर गुर्जर हैं। अशोक कटियार को भाजपा ने एमएलसी बनाया है। इन छह गुर्जर प्रतिनिधियों में से एक को भी भाजपा ने प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी। जिसे लेकर गुर्जर बिरादरी में शुरू से ही नाराजगी नजर आ रही है। विगत रविवार को प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गुर्जर बिरादरी के सम्मेलन में भाजपा के ही गुर्जर नेताओं ने इस उपेक्षा को लेकर अपनी ही सरकार में शिकायत कर दी। इससे भाजपा नेतृत्व की सियासी बेचैनी बढ़ गई है। यही दर्द जब उपेक्षा के शिकार होने का आरोप लगाते हुए इन गुर्जर नेताओं का सम्मेलन में सामने आया तो भाजपा नेतृत्व की आंखें खुल गई है।
गुर्जर बिरादरी भाजपा के साथ होने का दावा मेरठ दक्षिण से विधायक और युवा गुर्जर नेता डा. सोमेन्द्र तोमर का कहना है कि बिरादरी भाजपा के साथ है। बिरादरी के लिए जितना भाजपा ने किया है उतना किसी दूसरी सरकार ने नहीं किया। गुर्जर बिरादरी 2019 में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फिर से देश का प्रधानमंत्री बनवाएगी। अपनी बात रखने और हक मांगने का हक सभी को है। अपने लोग ही अपनों के सामने हक की बात करते हैं।