क्या है मोरिंगा, किन रोगों के इलाज में है कारगर
गौरतलब है कि मोरिंगा को पेड़ भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान आदि में पाया जाता है। इसे सहजन, सुजना, मुनगा आदि कहते हैं। अंग्रेजी में इसे मोरिंगा) या ड्रमस्टिक कहते हैं। औषधि या दवाएं बनाने के लिए इसके पेड़ के पत्ते, छाल, फूल, फल, बीज और जड़ सभी चीजों का उपयोग होता है। वैध मोरिंगा का उपयोग अस्थमा मधुमेह, मोटापा और कई अन्य बीमारियों को दूर करने केलिए दवाएं बनाने में करते हैं। मोरिंगा के बीजों के तेल का उपयोग खाद्य पदार्थों, इत्र और बालों की देखभाल के लिए भी किया जाता है। सहजन में पोषक तत्वों जैसे- प्रोटीन, ऑयरन, बीटा कैरोटीन, अमीनो एसिड, कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, विटामिन ए, सी और बी, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल जैसे गुण पाए जाते हैं। इसमें संतरा और नींबू के मुकाबले 6 गुना अधिक विटामिन सी होता है।
गौरतलब है कि मोरिंगा को पेड़ भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान आदि में पाया जाता है। इसे सहजन, सुजना, मुनगा आदि कहते हैं। अंग्रेजी में इसे मोरिंगा) या ड्रमस्टिक कहते हैं। औषधि या दवाएं बनाने के लिए इसके पेड़ के पत्ते, छाल, फूल, फल, बीज और जड़ सभी चीजों का उपयोग होता है। वैध मोरिंगा का उपयोग अस्थमा मधुमेह, मोटापा और कई अन्य बीमारियों को दूर करने केलिए दवाएं बनाने में करते हैं। मोरिंगा के बीजों के तेल का उपयोग खाद्य पदार्थों, इत्र और बालों की देखभाल के लिए भी किया जाता है। सहजन में पोषक तत्वों जैसे- प्रोटीन, ऑयरन, बीटा कैरोटीन, अमीनो एसिड, कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, विटामिन ए, सी और बी, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल जैसे गुण पाए जाते हैं। इसमें संतरा और नींबू के मुकाबले 6 गुना अधिक विटामिन सी होता है।